शिवली ,कानपुर देहात। शिवली कस्बे में आयोजित किये जा रहे दशहरा महोत्सव के दौरान मंगलवार को बारिश होने के बावजूद रामलीला के कलाकारों एवं दर्शकों का उत्साह कम नहीं हुआ। कलाकारों की जन्मस्थली के नाम से चर्चित शिवली कस्बे में साकेत धाम पर चल रहे दशहरा महोत्सव के आठवें दिन बारिश होने के कारण प्रदेश के ख्याति प्राप्त कलाकारों द्वारा साकेत धाम मंदिर के हाल में कलाकारों द्वारा बालिवध, लंका दहन तथा विभीषण शरणागति लीलाओं का सजीव मंचन किया गया जिसे देख दर्शक भावविभोर हो गए।
कस्बा शिवली स्थित साकेत धाम पर साकेत धाम रामलीला समिति के अध्यक्ष अमित मिश्रा पिंटू की देखरेख में आयोजित किये जा रहे दशहरा महोत्सव कार्यक्रम के दौरान आठवें दिन की रामलीला में सीता हरण के पश्चात श्रीराम अपने भ्राता लक्ष्मण जी के साथ सीता जी की खोज करने के लिए जंगल में भटक रहे थे जहां सुग्रीव से मित्रता होने के पश्चात उन्होंने सुग्रीव को बालि का वध करने का आश्वासन देते हैं और बालि का वध करने की योजना बनाते। सुग्रीव ने रामजी की बताया कि बालि से सामने आकर लड़ने वाले का आधा बल बालि को मिलने का वरदान प्राप्त है । इसलिए उससे सामने से आ कर मारपाना कठिन है।तब श्रीराम ने सुग्रीव को लड़ने भेजा और स्वयं पेंड की ओट में छिपकर बांड से बालि का बध कर दिया और सुग्रीव को किष्किंधा का राजा बना दिया। श्रीराम को जंगल में गीध राज जटायु मिल जाते हैं जिन्होंने रावण व्दारा सीता जी का हरण कर उन्हें लंका नगरी लेजाने की जानकारी दी।सुग्रीव के साथ मिले हनुमान जी सीता की खोज करने लंका जाते हैं जहां सीता जी से आशीर्वाद लेने के पश्चात वह फल खाने लगते हैं जहां बाग की रखवाली करने वाले राक्षस उन्हें भगाने का प्रयास करते जिसपर हनुमान जी अनेकों राक्षसों का वध करते हैं और बाग को तहस नहस कर देते हैं। अंत में मेघनाथ उन्हें ब्रम्हफांस में बांध कर रावण के दरबार में ले जाता है।दूत होने के कारण हनुमान जी की पूंछ में आग लगा कर उन्हें छोड़ने का रावण आदेश देते हैं। पूंछ में आग लगते ही हनुमान जी उछल उछल कर पूरी लंका नगरी में आग लगा देते हैं और वापस आकर भगवान श्री राम को सीता जी व्दारा दी गई निसानी सौंप देते हैं। विभीषण ने लंका धिपति रावण से सीता को वापस करने के बावत समझाने का प्रयास करता है जिससे कुपित होकर रावण लात मारकर विभीषण को भगा देता है तब जाकर रावण भगवान श्री राम की शरण में पहुंच जाते हैं। इस मौके पर समिति के संरक्षक राधा कृष्ण बाजपेई लल्लन, अध्यक्ष अमित कुमार मिश्रा, कार्यवाहक अध्यक्ष अनुराग त्रिवेदी, रविकुमार बाजपेई, रामजी मिश्रा, कुलदीप बाजपेई, रामजी त्रिवेदी, श्याम जी त्रिवेदी, अतुल व्दिवेदी, अनिल दीक्षित, अनिल कुमार तिवारी सहित भारी संख्या में दर्शक मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन राकेश कुमार मिश्रा ने किया।