उन्नाव।जनता दर्शन, समाधान दिवस, मुख्यमंत्री पोर्टल आदि सिर्फ फरियादियों को भटकाने का माध्यम मात्र बन कर रह गए हैं।यहाँ तक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेशों को भी जिम्मेदार नहीं मानते हैं।नवागत सदर एसडीएम आई ए एस अफसर हिमांशु गुप्ता को समाधान दिवस में पीड़ित युवक फार्मासिस्ट ने प्रार्थना पत्र देकर धोखाधड़ी का आरोप लगाया और ड्रग इंस्पेक्टर के संरक्षण में विभाग में लाइसेंस बनवाने और दुकानों में लाइसेंस लगवाने वाले युवक पर धोखाधड़ी कर रूपए हड़पने की बात कही है।और प्रार्थना पत्र में युवक नें संबंधित मामले में कोतवाली सदर क्षेत्र के एक व्यक्ति जो औषधि विभाग में दलाली करता है। उसके विरुद्ध शिकायत कर उसके खिलाफ कार्यवाही की मांग करते हुए धोखाधड़ी, जालसाजी करने संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज करने की मांग की है। बीते शनिवार 6.7.2024 को सदर तहसील में आयोजित समाधान दिवस में अमित कुमार फार्मासिस्ट ने सदर कोतवाली क्षेत्र के एक व्यक्ति नाम अवनीश वर्मा हाल पता बाबा मार्केट जो औषधि विभाग में लाइसेंस बनवाने का काम करता है उसके विरुद्ध फार्मासिस्ट लाइसेंस लगवाने के नाम पर धोखाधड़ी कर रूपए हड़पने और जालसाजी कर उसका फार्मासिस्ट लाइसेंस का दुरपयोग करने से संबंधित शिकायत समाधान दिवस में नवागत सदर एसडीएम आई ए एस हिमांशु गुप्ता से की थी । जिसके बाद जांच और कार्यवाही का आश्वासन दिया गया था। परंतु 15 दिन बीत जाने के बाद कार्यवाही तो दूर किसी जिम्मेदार ने उक्त मामले का संज्ञान तक नहीं लिया है। ऐसे में माननीय मुख्यमंत्री के फरियादियों की समस्या का तुरंत निदान करने वाले आदेश का अनुपालन कैसे संभव है। जब एक आई ए एस अधिकारी के जांच का आश्वासन देने के बाद जिम्मेदार नहीं सुनते तो सीधा जिम्मेदारों के पास पहुंचने वालों को न्याय कैसे मिलेगा।इस बात पर प्रश्न चिन्ह खड़ा होता है।पीड़ित के अनुसार अवनीश वर्मा बाबा मार्केट में अपना कैफे चलाता है और औषधि विभाग में उसकी तगड़ी पकड़ है जिसके चलते विभाग उसका औषधि विभाग पूरा सहयोग करता है। यदि उसके खिलाफ कोई शिकायत की जाती है तो औषधि विभाग के अधिकारीयों द्वारा उसे दबा दिया जाता है।इसी संबंध में पूर्व जिलाधिकारी अपूर्वा दुबे से भी औषधि निरीक्षक अशोक कुमार के संरक्षण प्राप्त अवनीश वर्मा द्वारा दवा दुकानदारों से अवैध वसूली की शिकायत की गई थी।

जिस पर पूर्व जिलाधिकारी द्वारा शिकायत का संज्ञान लेकर औषधि निरीक्षक को इस संबंध में फटकार लगाई गई थी जिसके बाद लगातार विभाग में बैठने वाले और औषधि निरीक्षक के साथ चलने वाले अवनीश वर्मा का विभाग में आना जाना कम हो गया था और विभाग में आने वाले लोगों का आगंतुक रजिस्टर बनाया गया था।