संवाददाता,घाटमपुर। नगर स्थित मदरसा इस्लामिया स्कूल के प्रिंसिपल मौलाना इंतजार ने बीते दिनो अल्पसंख्यक आयोग को शिकायत पत्र देकर बताया था, कि उनके मदरसा में पढ़ने वाले बिहार के छात्र ईद की छुट्टियों में घर गए थे, बीते 24 अप्रैल को ईद की छुटि्टयों खत्म होने के बाद वह सभी ट्रेन से वापस घाटमपुर मदरसा लौट रहे थे। आरोप है, कि कानपुर सेंट्रल पर उतरते ही छात्रों को आरपीएफ कर्मियो ने पकड़ लिया। छात्रों ने मदरसा फोनकर आरपीएफ द्वारा पकड़े जाने की जानकारी प्रिंसिपल को दी। जानकारी मिलते घाटमपुर ने मदरसा इस्लामिया स्कूल के प्रिंसिपल मौलाना इंतजार ने आरपीएफ स्टेशन कानपुर पहुंचकर छात्रों के दस्तावेज दिखाए और बताया कि सभी 14 छात्र उनके मदरसे में पढ़ते है। आरोप है, कि वह दस्तावेज दिखाते रहे पर आरपीएफ कर्मियो ने उनकी एक बात नही सुनी और छात्रों को बाल सुधार गृह भेज दिया। प्रिंसिपल ने मामले की शिकायत अल्पसंख्यक आयोग से की। अयोग की जांच में आरपीएफ कर्मियो की लापरवाही सामने आई है। उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक आयोग के शकील अहमद सिद्दकी ने बताया कि जांच में आरपीएफ की लापरवाही सामने आई है, जिसपर रेलवे के मंडल सुरक्षा आयुक्त को पत्र लिखकर आरपीएफ कर्मियो पर कार्रवाई करने को कहा गया है। बाल सुधार गृह में मदरसा छात्रों को धमकाया, बर्तन भी धुलवाए,सात दिन बाद बाल सुधार गृह छात्रों के परिजन पहुंचे तो उन्हें बच्चों को सुपुर्दगी में दिया गया। जिसके बाद बच्चे घाटमपुर मदरसे वापस लौट आए नगर स्थित मदरसा इस्लामिया स्कूल के बाल सुधार गृह में रहे छात्र रहबर, साहब, मो.महफूज ने सहमी आवाज में बताया कि उन्हें वहां पर धमकाया जाता था, कि उर्दू पढ़ने से नौकरी नही मिलेगी। मन लगाकर हिंदी, अंग्रेजी, गणित पढ़ो जिससे नौकरी मिलेगी तो भविष्य सुरक्षित होगा। छात्रों ने बताया कि वहां पर उनसे रोज बर्तन धुलवाए जाते थे, जब छात्रों ने बर्तन धुलने का विरोध किया उन्हें धमकाया गया कि वह लोग कभी घर वापस नही जा पाएंगे। उन्हे हमेशा जेल में ही रहना पड़ेगा। वहां से वापस लौटे छात्रों को आज भी डर सता रहा है। उन्हे लगता है, कि फिर पुलिस उन्हे पकड़कर न ले जाए,बाल संरक्षण गृह से वापस मदरसा लौटे छात्र रात में अचानक डरकर उठ जाते है। छात्रों ने बताया कि उन्हे वहां पर दी यातनाएं याद आ जाती है, जिससे उनकी आंख खुल जाती है। वह बहुत ही डरे, सहमे हुए है। बाल सुधार गृह में उनके साथ हुई मारपीट से छात्रों के अंदर भय व्याप्त है।
कानपुर बीपीओ प्रभारी जयदीप ने बताया कि मदरसा छात्रों द्वारा लगाए गए मारपीट और बर्तन धुलवाने के आरोप निराधार है। उन्होंने कहा कि यहां पर सभी बच्चों को एक साथ रखा जाता है, किसी के साथ भेदभाव नही किया जाता सब साथ रहकर पढ़ाई करने के साथ खेलते कूद में भी भाग लेते है। सभी बच्चो को उनके मां बाप के सुपुर्द किया गया था।