1843 में शिवली कस्बे के जमींदार चौबे सधारी लाल की देखरेख में पहली बार राम लीला का हुआ था आयोजन

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मैथा,कानपुर देहात। शिवली कस्बे को संपूर्ण उत्तर भारत में लोग भगवान शिव की नगरी एवं प्रख्यात परशुराम अभिनेता पंडित शिवदत्त लाल अग्निहोत्री एवं ख्याति प्राप्त जनक अभिनेता पंडित वंश लाल त्रिपाठी की जन्म स्थली के रूप में जानते पहचानते हैं। कस्बे के इस लाल ने अपनी मातृभूमि का अपनी कला कौशल के बदौलत नाम रोशन कर रामलीला जगत में हमेशा के लिए अपनी अमर कथा लिख दी है। कानपुर देहात की ऐतिहासिक नगरी कस्बा शिवली जो आज कलाकारों की नगरी कही जाती है। भगवान शिव के नाम से आच्छादित कल्याणमयी तीर्थ स्थली शिवली नगर के बुजुर्गों ने बताया कि वर्ष 1843 में कस्बे के जमींदार चौबे सधारी लाल की देखरेख में पहली बार राम लीला का राम चरित्र मानस के आधार पर सजीव मंचन किया गया जो बदस्तूर जारी है। इस बार आयोजित किए गए दशहरा महोत्सव के समापन से पूर्व लगातार तीन दिन तक रुक-रुक बारिश होने के बावजूद साकेत धाम रामलीला समिति के संरक्षक पूर्व अध्यक्ष राधा कृष्ण बाजपेई पूर्व सभासद रवि वाजपेई राम प्रकाश दीक्षित रामू,अनिल तिवारी,अवधेश मिश्रा एवं समिति के अध्यक्ष अमित कुमार मिश्रा पिंटू अनुराग त्रिवेदी एवं समिति के अन्य जिम्मेदार पदाधिकारियों रामजी मिश्रा, कुलदीप बाजपेई,कमलेश मिश्रा,पूर्व अध्यक्ष शिवा दीक्षित, रामजी त्रिवेदी,गंगाराम पांडेय,विवेक द्विवेदी, प्रशान्त तिवारी आदि लोगों के अथक प्रयास से दशहरा महोत्सव सकुशल संपन्न हो गया। दशहरा महोत्सव के सफल आयोजन पर कस्बे के लोगों द्वारा रामलीला समिति के अध्यक्ष व अन्य सभी पदाधिकारियों की सराहना की जा रही है साथ ही साथ एसडीएम मैथा राजकुमार पांडेय व शिवली कोतवाल प्रवीण कुमार यादव अपराध निरीक्षक शीलेंद्र कुमार यादव की भी प्रशंसा की जा रही है।


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