कानपुर में मां महागौरी की बड़ी है मान्यता: सैकड़ों साल पुराने मंदिर में भक्तों की आस्था

0
37

सरसौल,कानपुर। विकास खंड स्थित,बौसर गांव में सैकड़ों साल पुराना महागौरी का मंदिर स्थापित है, जो दुर्गा मंदिर के नाम से जाना जाता है। शारदीय नवरात्र को श्रद्धालु मंदिर पहुंच कर पूजा अर्चना करते हैं। मंदिर परिसर में ग्रामीणों ने सहयोग से देवी दुर्गा की मूर्ति स्थापित की गई थी। प्रतिदिन विधि विधान से सुबह शाम पूजा अर्चना की जाती है। बुधवार को कन्या पूजन के बाद विशाल प्रसाद भंडारे का आयोजन किया गया।
मंदिर के बारे में स्थानीय निवासी शिवकुमार द्विवेदी बताते हैं कि यह मंदिर सैकड़ों वर्ष पुराना है। पहले यहां एक छोटी सी मठिया थी, जिसमें माता की मूर्ति स्थापित थी
यह मंदिर लोगों की आस्था का प्रमुख केंद्र है। दूर-दराज से आने वाले श्रद्धालु नवरात्रि में व्रत रखकर सुबह-शाम पूजा-अर्चना करते हैं। मान्यता है कि यहां मन की बात रखने से माता हर संकट दूर करती हैं।
एक रोचक घटना में, एक मानसिक रूप से परेशान युवक को मंदिर में माता के दर्शन मात्र से ही शांति मिली। वह तीन घंटे तक मंदिर में बैठा और फिर प्रसन्नचित होकर लौटा।मंदिर में मां दुर्गा के अलावा शिव परिवार और हनुमान जी की मूर्तियां भी स्थापित हैं। यहां साल भर श्रद्धालुओं का आना-जाना लगा रहता है। विशेषकर चैत्र और शारदीय नवरात्रि में भक्तों की विशेष भीड़ देखने को मिलती है। मंदिर का वातावरण सदैव भक्तिमय रहता है।
उन्होंने बताया कि मां दुर्गा के दर्शन मात्र से भक्तों की मन्नतें पूरी होती हैं।सच्चे मन से मांगी गई हर मनोकामना को मां दुर्गा पूरी करती हैं। ग्रामीणों द्वारा नवरात्रि पर्व पर मंदिर प्रांगण में विशाल भंडारा आयोजित किया जाता है। उन्होंने बताया कि बौसर गांव के रहने वाले संकठा प्रसाद द्विवेदी ने 2002 में मंदिर का जीर्णोद्धार कराया था। श्रद्धालुओं में शिवस्वरूप द्विवेदी, शिव कुमार, राम नारायण, इंदल, पवन, बाल शंकर, मानस, प्रियांशू, गोलू, अभय, जीतू मिश्रा,गोलू आदि मौजूद रहे।

देखे फोटो।


LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here