कानपुर। कैंसर की बीमारी लोगो में इस कदर बढ़ती जा रही है कि अब कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी आम हो चली है। ऐसा ही एक मामला जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के अस्थि रोग विभाग में आया। एक 22 वर्षीय युवती हड्डी के कैंसर से जूझ रही थी, जिसे मेगाप्रोस्थेसिस सर्जरी से नयी जिदगी दी गई। युवती सर्जरी के बाद बिल्कुल स्वस्थ्य है।
अस्थि रोग विभाग के वरिष्ठ सर्जन डॉ चंदन कुमार ने बताया कि सरैयला करोमन पोस्ट अकबरपुर कानपुर देहात निवासी 22 वर्षीय युवती पुनम देवी पत्नी जोगेन्द्र साहु हड्डी के कैंसर से पीड़ित थी। जब वह ओपीडी में आई तो उसे आश्वस्त किया गया कि उसकी बीमारी ठीक हो सकती है। यह सुन कर युवती के जीवन में आशा की नई किरण जागी। डॉ चंदन कुमार ने बताया कि युवती के बायँ घुटने के पास की हड्डी (प्राक्सिमल टिविया) में ऑस्टियोसारकोमा यानी अस्थि कैंसर का पता चला था, रोगी करीब 1.5 वर्ष से पीड़ित चल रही थी जिससे वह चल-फिर पाने में असमर्थ थी। साधारण तौर पर इस प्रकार के मामले में पैर काटने की आवश्यकता पड़ती है, लेकिन इस मामले में ऐसा नहीं हुआ। अस्थि रोग विभाग के डा० प्रग्नेश कुमार और उनकी टीम (डा० प्रकल्प, डा० यश, डा० अंकित, डा० प्रज्जवल, डा० मनोज) एवम् एनेस्थीसिया टीम ने यह जटिल मेगाप्रास्थेसिस सर्जरी की। इस प्रक्रिया में कैंसरग्रस्त हड्डी को हटाकर उसकी जगह विशेष कृतिम प्रत्यारोपण (इंप्लाट) लगाया गया है। इसके चलते युवती का पैर सुरक्षित रहा और घुटने का कार्य भी सामान्य रुप से बना रहा। यह उपचार आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत संभव हो सका। जिससे रोगी और उसके परिवार को अधिक बोझ नहीं उठाना पड़ा। सर्जरी के बाद रोगी की स्थिति स्थिर है और वह अपने पैरो पर चलने फिरने लगी हैं।