पूर्वजों का तर्पण एवं श्राद्ध कर्म विधि विधान से कराने पर मिलता है पितरों का आशीर्वाद

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बांगरमऊ, उन्नाव।इस वर्ष पितृ पक्ष में एक तिथि की घटा बढ़ी हुई है अतः यह पक्ष 14 दिनों का है। सभी सनातनी धर्मावलंबी भक्त श्रृद्धा और विश्वास से युक्त होकर अपने पूर्वजों को तर्पण एवं श्राद्ध कर्म विधि विधान से ही करायें।
यह जानकारी देते हुए पण्डित ऋषि कांत मिश्र शास्त्री ने बताया कि चतुर्थी श्राद्ध 11 सितंबर गुरुवार को , पंचमी श्राद्ध 12 सितंबर शुक्रवार को,षष्ठी श्राद्ध 12 सितंबर शुक्रवार को,सप्तमी श्राद्ध 13 सितंबर शनिवार,अष्टमी श्राद्ध 14 सितंबर रविवार आज ही महालक्ष्मी व्रत पूजन , मातृ नवमी श्राद्ध 15 सितंबर सोमवार को होगी, दशमी श्राद्ध 16 सितंबर ,एकादशी व्रत तथा एकादशी श्राद्ध 17 सितंबर बुधवार को,द्वादशी श्राद्ध एवं संन्यासीयतिनाम श्राद्ध 18 सितंबर गुरुवार ,त्रयोदशी श्राद्ध 19 को,चतुर्दशी श्राद्ध 20 सितंबर, जबकि अमावस्या श्राद्ध एवं अज्ञायात तिथि में मृत पूर्वजों की श्राद्ध आज के दिन करने से पूर्वज प्रसन्न होकर आशीर्वाद देते हैं। इसको ध्यान में रखते हुए सभी लोगों को पितृ तर्पण पूजन सभी सनातनी धर्मावलंबी भक्त श्रृद्धा पूर्वक पितृदेवों का पूजन करें । इसके बाद उन्होंने कहा कि श्राद्ध एवं तर्पण पूजन करने और कराने वाले दोनों ही शुद्धता और विश्वास से युक्त होकर पितृदेवोंकी पूजा अर्चना कर आशीर्वाद प्राप्त करें। पितृ पूजन में त्रुटि होती है तो पितृ क्षमा नहीं करते। इसलिए विशेष रूप से ध्यान रखें।
समय का सदुपयोग उज्जवल भविष्य की कामना के साथ सभी सनातनी धर्मावलंबी भक्तों को पितृदेव, हरदेव बाबा की कृपा प्राप्त होती रहें ।


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