उन्नाव। के शुक्लागंज के गोताखोर मोहल्ले में एक अद्भुत घटना सामने आई है। 17 साल से लापता महिला सलमा अचानक घर लौट आई है। मानसिक रूप से अस्वस्थ होकर गायब हुई सलमा को उसके परिजनों ने मृत मान लिया था।
परिवार ने पूरे रीति-रिवाजों से उसका फातिया और चालीसवां भी कर दिया था। अब वर्षों बाद उसकी वापसी ने पूरे मोहल्ले को भावविभोर कर दिया है।
सलमा का विवाह मात्र 18 वर्ष की आयु में गोताखोर मोहल्ले के निवासी गामा से हुआ था। शादी के बाद उसे तीन बच्चे हुए। दो बेटे और एक बेटी। दुर्भाग्य से तीनों बच्चों की जन्म के कुछ समय बाद ही मृत्यु हो गई।
इन दुखद घटनाओं से सलमा गहरे मानसिक सदमे में चली गई। कुछ समय बाद वह घर से अचानक गायब हो गई। परिजनों ने उसे लखनऊ, बहराइच, फतेहपुर और कानपुर सहित कई स्थानों पर खोजा। लेकिन कोई सफलता नहीं मिली।
लगभग पांच वर्षों तक जब सलमा का कोई पता नहीं चला, तब परिवार ने उसे मृत मान लिया। धार्मिक रीति-रिवाजों के अनुसार उसका फातिया और चालीसवां भी कर दिया गया।
हाल ही में गंगाघाट पुलिस को लखनऊ के राजकीय मानसिक चिकित्सालय से सूचना मिली। वहां भर्ती एक महिला अपने परिवार के बारे में जानकारी दे रही थी। पुलिस ने परिजनों से संपर्क किया।
सूचना मिलते ही सलमा की मां, बड़ी बहन रानी और मंझली बहन मन्नी लखनऊ पहुंचे। जब उन्होंने सलमा को देखा तो आंखों से आंसू बह निकले। वर्षों बाद अपनी बेटी को जिंदा देखकर सभी भावुक हो उठे।
जानकारी के अनुसार, सलमा कई सालों तक पश्चिम बंगाल के एक स्वधार गृह में रह रही थी। वहां उसका इलाज चल रहा था। इलाज के दौरान जब उसकी स्थिति में सुधार हुआ, तो उसने अपने परिवार के बारे में बातें करना शुरू किया।
इसी आधार पर अस्पताल प्रशासन ने पुलिस की मदद से परिजनों को ढूंढा।