ऑपरेशन संजीवनी से बची मासूम की जान, एसडीएम ने ग्रीन कॉरिडोर बना मासूम को पहुंचाया हैलट अस्पताल उपचार जारी

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संवाददाता,घाटमपुर। तहसील के सजेती थाना क्षेत्र के हरदौली ग्राम पंचायत के मजरा महुआपुरवा में शनिवार सुबह एक दो साल का मासूम कपिल घर में घुसे बाढ़ के भरे पानी की चपेट में आ गया। और वह अचेत हो गया, लेकिन मासूम की साँसें चल रही थीं। सुबह करीब सात बजे उपजिलाधिकारी घाटमपुर अबिचल प्रताप सिंह को परिजनों की घबराई आवाज में कॉल प्राप्त हुई, इसके बाद प्रशासन ने तुरंत रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया, जिसका नाम ऑपरेशन संजीवनी दिया गया।
परिजन आनन फानन पहले मासूम को लेकर जिला हमीरपुर अस्पताल पहुँचाया,जहाँ मासूम की हालत गंभीर देखते हुए हैलेट रेफर किया गया। रास्ते में न एम्बुलेंस रुकी न ट्रैफिक में देरी हुई क्योंकि जिले के ट्रैफिक कंट्रोल रूम से लेकर हैलेट के इमरजेंसी गेट तक पूरा सिस्टम बच्चे की साँसों को बचाने में लगा था। एसडीएम ने हमीरपुर से कानपुर तक ग्रीन कॉरिडोर बनाकर मासूम को अस्पताल पहुंचाया गया। जहां पर उसका उपचार जारी है।
घाटमपुर एसडीएम अविचल प्रताप सिंह ने सबसे पहले कानपुर डीएम जितेन्द्र प्रताप सिंह को जानकारी दी। इसके बाद 108 एम्बुलेंस की आवाजाही सुचारु हो हो सके इसके लिए ट्रैफिक पुलिस को एसीपी घाटमपुर कृष्णकांत की तरफ से निर्देश दिए गए। सीएमओ को हैलेट की इमरजेंसी टीम को अलर्ट किया गया। एम्बुलेंस के पहुंचने से पहले ही डॉक्टर मौके पर मौजूद थे।
वीडियो कॉल पर परिजनों को भरोसा दिलाते रहे सम्बंधित अफसर

हमीरपुर जिलास्पताल से मासूम को रेफर होने के बाद हैलेट तक का सफर करीब डेढ़ घंटे तक चला। इस दौरान घाटमपुर एसडीएम अविचल प्रताप सिंह लगातार वीडियो कॉल पर बच्चे की माँ और चाचा से जुड़े रहे। उन्होंने परिजनो को भरोसा दिलाया कि सरकार उनके साथ है, मासूम को समुचित इलाज मिलेगा, इसके साथ ही मेडिकल टीम की तैयारी के साथ हर अपडेट सीधे परिजनों को देते रहे।

40 मिनट के भीतर मासूम खतरे से हुआ बाहर

हैलेट में डॉक्टरों ने 108 एम्बुलेंस से सीधे इमरजेंसी में मासूम को लाकर अविलंब उसका उपचार शुरू किया। इस दौरान लगभग 40 मिनट के भीतर मासूम पूरी तरह से होश में आ गया। इसके बाद डॉक्टर ने परिजनो से बताया कि मासूम खतरे से बाहर है। तब जाकर परिजनों ने राहत की सांस ली।
मेडिकल सुपरिटेंडेंट के मुताबिक मासूम खतरे से बाहर है।
हैलेट में तैनात इमरजेंसी यूनिट में एक वरिष्ठ चिकित्सक ने बताया कि अगर एम्बुलेंस रास्ते में 15 मिनट देर से पहुंचती तो मासूम की हालत और स्थिति विपरीत हो सकती थी लेकिन समय से बच्चा अस्पताल में पहुंचा। जैसे ही उसे समय से उपचार मिल पाया। डॉक्टर ने बताया कि जब वह अस्पताल पहुंचा था, तब बच्चे की साँसें कमज़ोर हो रहीं थीं और शरीर ठंडा हो चुका था। इस मदद के लिए बच्चे के पिता रामराज ने जिला प्रशासन का आभार जताया। उन्होंने कहा कि प्रशासन की मदद से ही उनके बच्चे का जीवन बच सका है।
कानपुर जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि जैसे उन्हें घाटमपुर एसडीएम द्वारा सूचना मिली उन्होंने तुंरत ही अधिकारियों और डॉक्टर को आवश्यक निर्देश दिए! अधिकारियों द्वारा त्वरित समन्वय से बच्चे को समय पर चिकित्सा सुविधा मिल गई! जिससे मासूम की जान बच पाई है।

देखे फोटो।


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