संवाददाता,घाटमपुर। यमुना नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। गड़ाथा गांव में यमुना का पानी घुस गया है। यमुना तटवर्ती स्थित आधा दर्जन गांवों में बाढ़ का खतरा बढ़ रहा है। एसडीएम और एसीपी ने अधिकारियों संग बैठकर यमुना तटवर्ती गांव के लोगों को अलर्ट जारी करने के साथ नाविकों को यमुना नदी में जाने से रोका है। प्रशासन ने बाढ़ चौकी बनने के साथ कंट्रोल रूम भी बनाया है, कंट्रोल रूम का नंबर तटवर्ती गांव के लोगों को सार्वजनिक किया गया है। ताकि लोग प्रशासन तक अपनी बात पहुंचा सके। बीते दो दिनों से यमुना नदी का जलस्तर बढ़ रहा था, गुरुवार दोपहर लगभग 12 बजे घाटमपुर तहसील क्षेत्र के गड़ाथा गांव में यमुना नदी का पानी घुस गया है। लोग सुरक्षित स्थान पर समान लेकर जाने को मजबूर हैं! लोग सिर पर बोरी में समान रखकर निकल रहे है। यमुना का जलस्तर बढ़ने से तटवर्ती क्षेत्र के लगभग आधा दर्जन गांव गड़ाथा,कटरी, काटर, अमिरतेपुर, रामपुर, मोहटा,हरदौली, महुआपु र आदि गांव बाढ़ से प्रभावित है। घाटमपुर एसडीएम मनीष कुमार और घाटमपुर एसीपी कृष्णकांत यादव ने अधिकारियों संग बैठक कर बाढ़ से बचाव राहत के लिए रणनीति तैयार की है। प्रशासन ने बाढ़ चौकी बनाई है। इसके साथ प्रशासन ने बाढ़ कंट्रोल रूम बनाकर कंट्रोल रूम का नंबर 8354906065 सार्वजनिक कर जारी किया है। साथ ही तटवर्ती गांव के लोगों को प्रशासन ने अलर्ट करने के साथ नाविकों को यमुना नदी के अंदर जाने से रोक दिया है। घाटमपुर एसडीएम मनीष कुमार ने बताया कि गड़ाथा गांव में यमुना नदी का पानी घुसने की सूचना मिली है, लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जा रहा है। वह लगातार यमुना तटवर्ती गांव की निगरानी कर रहे है!गढ़ाथा गांव में यमुना नदी का पानी गांव में घुस गया है, इसके साथ ही गड़ाथा गांव सहित कटरी,काटर कोटरा, मकरंदपुर, बीरबल, अकबरपुर गोरैयनपुर हरदौली,महुआपुर, मऊनखत,रामपुर,समुही,अनैसीपुर सहित लगभग सैकड़ों किसानों की 2000 बीघा फसल जलमग्न हो गई है। हालांकि किसान अपने घरों से सुरक्षित स्थान पर पहुंचाए जा रहे हैं।
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