बांगरमऊ, उन्नाव।नगर में स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में जनपद हरदोई की तहसील संडीला की भांति पोस्टमार्टम हाउस स्थापित किए जाने की मांग फारूक अहमद एडवोकेट ने मुख्यमंत्री से की है।
तहसील क्षेत्र के ग्राम इस्माइलपुर आंबापारा (कुर्मिन खेड़ा) निवासी उच्च न्यायालय खंडपीठ लखनऊ के यश भारती अधिवक्ता तथा प्रमुख समाजसेवी फारूक अहमद ने मुख्यमंत्री को पत्र भेज कर नगर में स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में जनपद हरदोई की तहसील संडीला की भांति पोस्टमार्टम हाउस स्थापित किए जाने की मांग की है। मुख्यमंत्री को भेजे गए पत्र में फारूक अहमद एडवोकेट ने कहा है कि बांगरमऊ की दूरी जिला मुख्यालय उन्नाव से 50 किमी से अधिक है । बांगरमऊ तहसील का उत्तरी व पश्चिमी हिस्सा 75 से 80 किमी तक फैला है। पत्र में उन्होंने तर्क देते हुए बताया है कि जनपद हरदोई की तहसील संडीला की दूरी हरदोई जिला मुख्यालय से 50 किमी है । तहसील संडीला में उत्तर प्रदेश सरकार ने जनपद मुख्यालय से दूरी अधिक होने के साथ जनहित को देखते हुए पोस्टमार्टम हाउस दशकों पूर्व स्थापित किया था । उन्होंने पत्र में कहा है कि बांगरमऊ तहसील अंतर्गत तीन चार थाने आते हैं जिनकी दूरी जिला मुख्यालय उन्नाव 50 किमी से भी ज्यादा है । तहसील बांगरमऊ से होकर लखनऊ आगरा एक्सप्रेसवे गुजरता है । इस हाइवे पर आए दिन दुर्घटनाएं होती रहती हैं । जिनमें तमाम लोगों की जान चली जाती हैं । दुर्घटनाओं में असमय होने वाली मौतों के शवो को परिजन पोस्टमार्टम कराने के लिए 70 से 80 किलोमीटर दूर जिला मुख्यालय उन्नाव ले जाते है। जिला मुख्यालय की दूरी अधिक होने के चलते मृतक के शव को ले जाने में भारी परेशानी परिजनों को होती है । इसी के साथ मृतक के परिवारीजनों को जिला मुख्यालय पहुंच पोस्टमार्टम कराने के बाद शव को लाने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। लखनऊ आगरा एक्सप्रेसवे पर बांगरमऊ कट बना है । इस बांगरमऊ कट से 20-30 किमी की दूरी पर इधर-उधर होने वाली दुर्घटनाओं में घायल होने वाले व्यक्ति को इलाज हेतु बांगरमऊ के सी एच सी में लाया जाता है । जहां पर मृत होने की दशा में मृतक के शव को विच्छेदन हेतु जिला अस्पताल भेज दिया जाता हैं। जहां पर काफी समय लग जाता है । कभी कभी तो शव परिजनों को दूसरे दिन मिलता है । जिससे सुदूर रहने वाले शोक में डूबे परिवारीजन काफी परेशान हो जाते हैं। इसलिए तहसील मुख्यालय बांगरमऊ में पोस्टमार्टम हाउस स्थापित किया जाना अति आवश्यक है । जिससे क्षेत्र की मुसीबत से मारी जनता खासकर परिजनों की परेशानिया कम हो सके।
उन्होंने बताया कि 24 जून 2025 व 17 जुलाई 2025 को प्रमुख सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण उत्तर प्रदेश शासन को इस संबंध में प्रार्थना पत्र दिया जा चुका है। अगर बांगरमऊ में पोस्टमार्टम हाउस की स्थापना नहीं की गई तो वो मजबूरन मा० उच्च न्यायालय लखनऊ पीठ लखनऊ में उत्तर प्रदेश सरकार के विरुद्ध जनहित याचिका दायर करने को बाध्य होंगे ।