असोहा,उन्नाव।कोलकाता निवासी राजेश गुप्ता ने जिलाधिकारी को शिकायती पत्र देकर बताया कि उसके चाचा रामेश्वर का विवाह नहीं हुआ था।चाचा हम सभी के साथ रहते थे।चाचा रामेश्वर कोलकाता में रहते थे।रामेश्वर की 42 वर्ष पूर्व में मौत हो गई थी।मौत के पूर्व रामेश्वर ने तहसील के गांव कंचनपुर स्थित अपने हिस्से की भूमि अपने भाई शंकर दयाल के नाम वरासत कर दी थी। जिसके बाद गांव स्थित भूमि पर उसका कब्जा है।कुछ वर्ष पूर्व ग्राम प्रधान ने रामेश्वर की पत्नी कलावती होने की बात कहकर उक्त भूमि की वरासत के विरुद्ध नायब तहसीलदार न्यायालय में आपत्ति दाखिल की थी।जिसपर फरवरी 2025 में नायब तहसीलदार न्यायालय द्वारा पत्नी कलावती के पक्ष में फैसला सुनाते हुए रामेश्वर की हिस्से की भूमि का उत्तराधिकारी घोषित किया।कलावती के नाम आदेश होते हुए कुछ दिन बाद ही कलावती द्वारा आनन फानन में क्षेत्रीय कुछ लोगों की मदद से तीन लोगों को बैनामा कर दिया गया।राजेश गुप्ता ने बताया कि चाचा रामेश्वर का विवाह नहीं हुआ था और ना ही वो कभी गांव में रहे थे।कुछ लोगो द्वारा कूट रचित तरीके से फर्जी दस्तावेज व फर्जी पत्नी बनाकर भूमि की वरासत करा की गई है।बताया कि मामले की जानकारी होने पर कोलकाता से आकर एसडीएम सहित सम्पूर्ण समाधान दिवस में शिकायत की गई थी।लेकिन कोई सुनवाई नहीं की गई है।जिलाधिकारी गौरांग राठी ने एसडीएम पुरवा को मामले के जांच के निर्देश दिए है।
एसडीएम प्रमेश श्रीवास्तव ने बताया कि मामला जानकारी में नहीं है।जिलाधिकारी के यहां से कोई निर्देश आया है तो जांचकर कार्रवाई की जाएगी।