उन्नाव।जनपद व प्रदेश में कम छात्र संख्या वाले परिषदीय विद्यालयों के मर्जर/पेयरिंग के विरोध में एक दिवसीय धरना में शिक्षकों ने एक स्वर से विरोध दर्ज कराया। हजारों की संख्या में उपस्थित शिक्षकों ने उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के बैनर तले हुंकार भरी और मुख्यमंत्री को संबोधित दस बिंदुओं का एक ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा।
प्रदेश सरकार द्वारा 50 से कम छात्र संख्या वाले परिषदीय विद्यालयों को मर्जर/पेयरिंग करने वाली नीति के विरोध में हजारों शिक्षकों का सैलाब जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में उमड़ पड़ा। सभी वक्ता साथियों ने एकस्वर से मर्जर का विरोध किया और उसकी खामियां गिनाई। ज्ञापन में पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल करने, विद्यालयों का मर्जर/पेयरिंग रोकने, पदोन्नति करने, सभी शिक्षकों को राज्य कर्मचारियों की भांति कैशलेश चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने, उपार्जित अवकाश, प्रतिकर अवकाश, द्वितीय शनिवार अवकाश, स्टड़ी लीव अवकाश दिए जाने, विद्यालय समयावधि 7:30 से 12:30 तक किए जाने, शिक्षकों को बीएलओ ड्यूटी से मुक्त किए जाने, आकांक्षी जनपदों से अंतर्जनपदीय स्थानांतरण कराए जाने समेत दस बिंदुओं का मुख्यमंत्री को संबोधित एक ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा गया। धरना की अध्यक्षता बृजेश पाण्डेय ने किया जबकि कुशल संचालन जिलामंत्री गजेंद्र वर्मा ने किया। अपने उद्बोधन में जिलाध्यक्ष ने शिक्षकों का इतिहास बताते हुए कहा कि पहले 1923 में अध्यापक मण्डल के रूप में संघर्ष हुआ, पुन: 1955-56 में फिर से बड़ा संघर्ष हुआ। इसके बाद बेसिक शिक्षा परिषद का गठन, निदेशालय का गठन, मृतक आश्रित नियुक्ति, पुरानी पेंशन व वेतन आयोग जैसी सफलताएं संघर्ष से ही मिला है। इसलिए आज फिर संघर्ष का दौर है। इस दौरान संजय सिंह वरिष्ठ उपाध्यक्ष, सीनियर बेसिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष विकास मिश्रा, विनोद तिवारी, मदन पाण्डेय मीडिया प्रभारी, सूर्यकांत यादव, अजय कटियार, विश्वनाथ सिंह, अभिषेक मिश्र, श्यामू चौरसिया, विनोद सिंह, शशांक भूषण, तहसील प्रभारियों में शिवम चौरसिया पुरवा, देवेंद्र यादव बांगरमऊ, अरविंद सिंह हसनगंज, महेंद्र कुमार सदर, सत्यप्रकाश द्विवेदी सफीपुर, विकास सिंह, संदीप द्विवेदी, संजय द्विवेदी, फूलचंद्र, रामकरन मौर्या, सहदेव, रामबाबू, संतोषी नंदन शुक्ल, आलोक अवस्थी, अजय चौरसिया आदि हजारों की संख्या में शिक्षक-शिक्षिकाएं शामिल हुए।