उन्नाव।लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे पर मंगलवार सुबह एक भीषण सड़क हादसे में एक महिला की जान चली गई, जबकि परिवार के तीन अन्य सदस्य गंभीर रूप से घायल हो गए। यह दर्दनाक हादसा उन्नाव जिले के दिपवल गांव के पास सुबह करीब 5 बजे हुआ, जब खाटू श्याम मंदिर से लौट रहे परिवार की कार अज्ञात वाहन से टकराकर पलट गई।
हादसे में कार सवार दिव्या गुप्ता (40) की मौके पर ही मौत हो गई। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, टक्कर इतनी जोरदार थी कि कार कई फीट तक घिसटती चली गई और पलट गई। कार को गणेश अग्रहरि (44) चला रहे थे, जो इस दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हो गए। उनके साथ उनके बेटे युग गुप्ता (18) और बेटी याना गुप्ता (10) भी थे, जिन्हें चोटें आई हैं।
सूचना मिलते ही औरास थाना प्रभारी भवन सिंह मौर्य पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। मृतका का शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया, जबकि गंभीर रूप से घायल गणेश अग्रहरि और युग गुप्ता को लखनऊ स्थित किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) रेफर किया गया है। यह परिवार सुल्तानपुर जिले के गल्लामंडी कोतवाली क्षेत्र का निवासी है।प्रशासन पर उठे सवाल:
लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे पर लगातार हो रहे हादसे चिंता का विषय बनते जा रहे हैं। स्थानीय लोगों और यात्रियों का कहना है कि यूपीडा (उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण) द्वारा एक्सप्रेसवे पर सुरक्षा को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं।
जहां तेज रफ्तार पर रोक लगाने के लिए कैमरे और स्पीड कंट्रोल सिस्टम होने चाहिए, वहीं गश्ती दलों की मौजूदगी के बावजूद हादसों में कमी नहीं आ रही। आए दिन कोई न कोई अपनी मां, पत्नी, भाई या बच्चे को खो रहा है।
प्रश्न उठता है कि इन मासूमों की गलती क्या है? हादसों के पीछे जिम्मेदारी किसकी है — ड्राइवर की, सिस्टम की, या उन अफसरों की जो केवल अपनी ड्यूटी निभाने का दिखावा करते हैं?
जब तक इन सवालों के जवाब नहीं मिलते, तब तक एक्सप्रेसवे सिर्फ एक रास्ता नहीं, बल्कि अपनों को खो देने का खौफनाक गवाह बना रहेगा।