गंगा में डूबे 5 मुस्लिम बच्चे, स्थानीय पंडा ने बचाई 3 की जान, 2 की मौत से मातम

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उन्नाव।बकरीद की खुशियों के बीच उन्नाव से एक दर्दनाक और इंसानियत को झकझोर देने वाली खबर सामने आई है। शुक्लागंज के आनंद घाट पर नहाते समय गंगा में 5 किशोर डूब गए, जिनमें से 3 को एक स्थानीय पंडा मकरध्वज तिवारी ने जान की परवाह किए बिना छलांग लगाकर बचा लिया, लेकिन 2 किशोर – अनस और समीर – को नहीं बचाया जा सका।

घटना का स्थान:

रेलवे गंगा पुल के पास, आनंद घाट, शुक्लागंज, थाना गंगाघाट क्षेत्र।

समय व तारीख:

 

शनिवार, 7 जून 2025 | दोपहर करीब 1 बजे

कैसे हुआ हादसा?

एबी नगर मोहल्ले के 5 किशोर – अनस (12), समीर (14), अहद (12), असद (13), और महबूब (14) गंगा स्नान के लिए पहुंचे थे।वे सुबह मॉल घूमने का कहकर घर से निकले थे और लौटते समय जिद कर गंगा नहाने चले आए।

नहाते वक्त अनस और समीर गहराई में चले गए और डूबने लगे।बाकी बच्चों ने बचाने की कोशिश की, पर खुद भी फंस गए।

पंडा ने दिखाई इंसानियत की मिसाल

घाट पर मौजूद पंडा मकरध्वज तिवारी ने बिना देर किए गंगा में छलांग लगाई और:

असद, अहद, और महबूब को सकुशल बाहर निकाल लिया।

लेकिन अनस और समीर को नहीं बचा सके, क्योंकि वे बहुत गहरे चले गए थे।

“हमें नहीं पता था वो कौन हैं, लेकिन अगर कोई जान बच सकती है, तो यही हमारा धर्म है,”

– मकरध्वज तिवारी, बचावकर्ता

लापरवाही के आरोप

घाट पर न तो चेतावनी बोर्ड था, न लाइफ जैकेट, न कोई गार्ड।

स्थानीय लोगों ने प्रशासन की घोर लापरवाही पर नाराज़गी जताई।

“यहां अक्सर बच्चे आते हैं, लेकिन कोई निगरानी नहीं है। तेज बहाव और गहराई को कोई नहीं समझ पाता।”

प्रत्यक्षदर्शी

रेस्क्यू ऑपरेशन जारी

गंगाघाट इंस्पेक्टर पी.के. मिश्रा मौके पर पहुंचे और गोताखोरों की टीम बुलाकर रेस्क्यू शुरू करवाया।

एक घंटे बाद अनस का शव बरामद हुआ, लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी।

समीर अब भी लापता है, गोताखोर तलाश में जुटे हैं।

घर में बकरीद से मातम

अनस अपने 5 भाई-बहनों में तीसरे नंबर पर था।

समीर के माता-पिता पहले ही गुजर चुके हैं, उसकी बस एक बहन है।दोनों चचेरे भाई थे और कपड़े की दुकान में काम करते थे।

हादसे की खबर जैसे ही एबी नगर पहुंची, मोहल्ले में अफरा-तफरी मच गई। परिजन घाट की ओर दौड़ पड़े, और वहां का माहौल मातम में बदल गया।


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