उन्नाव।डीएसएन कॉलेज, उन्नाव में शिक्षकों और कार्यवाहक प्राचार्य के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया है। आज, 02 जून 2025 को, कॉलेज के शिक्षकों ने कार्यवाहक प्राचार्य के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए उनका घेराव किया। शिक्षकों का आरोप है कि कार्यवाहक प्राचार्य ने नियम-विरुद्ध और बदले की भावना से उनके समर्थ डाटा को बिना कारण 31 मई 2025 को डिनाइड (denied) कर दिया, जिससे उनका मानसिक उत्पीड़न हुआ और उनके करियर के साथ खिलवाड़ किया गया।
शिक्षकों का कहना है कि कार्यवाहक प्राचार्य ने समर्थ पोर्टल पर उनके डाटा को अस्वीकार करते समय कोई ठोस कारण नहीं बताया। प्रो. विनय यादव और डॉ. विपिन सिंह, कूटा (क्षेत्रीय शिक्षक संघ) जनपद उन्नाव के नेतृत्व में, शिक्षकों ने इस मामले को गंभीरता से लिया और कार्यवाहक प्राचार्य के इस कदम को “शिक्षक विरोधी” करार दिया।
जांच की मांग, पत्र भेजने की तैयारी शिक्षकों ने ऐलान किया कि इस मामले को प्रमुख सचिव, उत्तर प्रदेश शासन, लखनऊ, महामहिम कुलाधिपति, उत्तर प्रदेश राज्य विश्वविद्यालय, राजभवन, लखनऊ, और निदेशक (उच्च शिक्षा), प्रयागराज तक पहुंचाया जाएगा। 02 जून 2025 को एक पत्र के माध्यम से मांग की जाएगी कि कार्यवाहक प्राचार्य के खिलाफ एक उच्च स्तरीय जांच समिति गठित की जाए। इस जांच में यह पता लगाया जाएगा कि कार्यवाहक प्राचार्य ने किन नियमों के तहत शिक्षकों के डाटा को अस्वीकार किया और इससे उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ और मानसिक उत्पीड़न क्यों किया गया।
शिक्षकों से स्क्रीनशॉट और हस्ताक्षर का आह्वान
कूटा जनपद उन्नाव के नेताओं, प्रो. विनय यादव और डॉ. विपिन सिंह ने सभी शिक्षक साथियों से अपील की है कि वे कल, 03 जून 2025 को, अपने समर्थ पोर्टल से डाटा डिनाइड का एक पेज का स्क्रीनशॉट लाएं, जिसमें उनका नाम स्पष्ट रूप से दिखाई दे। साथ ही, शिक्षकों से इस पत्र पर हस्ताक्षर करने का भी अनुरोध किया गया है, ताकि इस मामले को मजबूती से उठाया जा सके।
शिक्षकों का गुस्सा, प्राचार्य पर सवाल घेराव के दौरान शिक्षकों ने कार्यवाहक प्राचार्य के खिलाफ नारेबाजी की और उनके इस कदम को “अनुचित और बदले की कार्रवाई” बताया। शिक्षकों का कहना है कि इस तरह के कृत्य से न केवल उनकी नौकरी और करियर पर खतरा मंडरा रहा है, बल्कि उनका मानसिक स्वास्थ्य भी प्रभावित हुआ है। कूटा नेताओं ने कहा, “हम अपने हक के लिए लड़ेंगे और इस अन्याय के खिलाफ चुप नहीं रहेंगे।”
कॉलेज प्रशासन की चुप्पी
अभी तक कार्यवाहक प्राचार्य या कॉलेज प्रशासन की ओर से इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। शिक्षकों का कहना है कि वे जांच समिति के गठन और निष्पक्ष जांच होने तक अपना आंदोलन जारी रखेंगे।
यह घटना डीएसएन कॉलेज, उन्नाव में शिक्षकों और प्रशासन के बीच बढ़ते तनाव को दर्शाती है, और आने वाले दिनों में इस मामले में और गहमागहमी की संभावना है।