उन्नाव।सहायक आयुक्त स्टांप उन्नाव द्वारा एक पत्र औषधि निरीक्षक अशोक कुमार को जारी किया गया है, जिसमें यह कहा गया है कि जो दवा दुकानदार लाइसेंस बनवाने के समय किरायनामा/ स्वामित्व पत्र विभाग में जमा करते हैं। उसे समय अवधि बीत जाने के बाद दोबारा जमा करना आवश्यक होता है।
यदि वो ऐसा नहीं करते हैं तो इससे राजस्व का नुक़सान होता है। इस क्रम में औषधि निरीक्षक ने बताया कि पूर्व में भी इसकी एक सूचना व पत्र दवा विक्रेताओं को जारी किया गया है। जिसके बाद काफी दवा दुकानदारों ने संबंधित अभिलेख विभाग में प्रेषित कर दिया है। लेकिन अभी बहुत से दवा दुकानदारों ने अपने किराएनामे और स्वामित्व संबंधित अभिलेख विभाग में जमा नहीं किये है जिस पर पुनः एक पत्र दवा विक्रेताओं को जारी किया गया है जिससे किराएनामे और स्वामित्व अभिलेखों का सत्यापन और एकत्रीकरण किया जा सके।
औषधि निरीक्षक अशोक कुमार ने बताया कि दवा दुकानदारों को वित्तीय वर्ष 2020 से 2025 तक के किरायेनामा और स्वामित्व का प्रमाण पत्र की छायाप्रति और साथ ही अग्रिम वर्ष जिनका समय हो गया है किराएनामे का उसे विभाग में जल्द जमा करने के निर्देश दिए गए हैं। जो दुकानदार ऐसा नहीं करेगा और राजस्व का नुक़सान करेगा उसके विरुद्ध विधिक कार्रवाई हेतु उच्चाधिकारियों को अवगत कराया जायेगा।
इस संबंध में उन्नाव दवा विक्रेता वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष मयंक बाजपेई ने बताया कि विभाग द्वारा पूर्व में भी पत्र जारी किया गया था।जिसके बाद दर्जनों दवा दुकानदारों का किरायनामा/ स्वामित्व संबंधित अभिलेख विभाग में जमा करवाया गया है जो बाकी बचे है उनके तक सूचना पहुंचा कर जल्द ही बकाया लोगों के भी अभिलेख जमा करवाने कि प्रयास किया जायेगा। दवा दुकानदार पूरी मेहनत और लगन के साथ जनहित में लगा रहता है। वो राजस्व का नुक़सान सरकार का नहीं होने देगा। भूल वस अगर किसी के अभिलेख विभाग में अभी जमा नहीं हो पायें है तो उसे जल्द ही जमा करवाने का प्रयास किया जायेगा।