कानपुर।स्किन के मरीजो को अब डायबिटीज की समस्या का सामना करना पड रहा है। अक्सर मरीजो को पता ही नही होता है कि स्किन की परेशानी का कारण मधुमेह यानी की डायबिटीज ही है,जिससे उनको स्किन की समस्या हो रही है। इस बारे अधिक जानाकरी देते हुए डॉ ऋषि शुक्ल व स्किन स्पेशलिस्ट डॉ ममता भूरा ने पत्रकारो को बताया कि किस तरह से डायबिटीज उनकी त्वचा में समस्या पैदा कर रही है। अगर समय रहते डाक्टरो को दिखाया जाये तो स्किन से शरीर में होने वाले बदलाव को पहचाना जा सकता है। इस दौरान स्किन स्पेशलिस्ट डॉ ममता भूरा ने पत्रकारो को बताया कि मधुमेह से पीड़ित लोगो में फंगल इंफेक्शन का खतरा अधिक होता है खासकर पैरो और जांघो के बीच। इसके साथ ही मधुमेह से पीड़ित लोगो में त्वचा पर चकत्तेहोने की संभावना अधिक बढ़ जाती है। उन्होंने बताया कि डायबिटीज से पीड़ित लोगो में कभी-कभी हाथो की त्ववा सख्त और मोटी हो जाती है जिससे उंगलियों के जोड़ भी सख्त हो जाते है जिसे डिजिटल स्केलेरोसिस कहते है। इसी क्रम में डॉ ऋषि शुक्ल ने बताया कि नेक्रोबायोसिस लिपोइडिका डायबिटिकोरम (एनएलडी) यह एक दुर्लभ त्वचा की स्थिति है जो अक्सर निचले पैरो पर गहरे लाल या भरें रंग के घावो के रूप में दिखाई देती है। उन्होंने बताया कि डायबिटीज से त्वचा संबंधी कई तरह की समस्याएं हो सकती है। हाई ब्लड शुगर के कारण त्वचा रूखी,खुजलीदार और संक्रमण के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाती है। कुछ आम समसयाएं जिनमें सूखी , खुजलीदार त्वचा,रंग में बदलाव, त्चवा के घाव जो भरने में देर लगाते है,फंगल इंफेक्शन और त्वचा के चकत्ते जैसे प्रमुख कारण है। इसके साथ उन्होंने बताया कि डायबिटीज के कारण रक्त परिसंचरण में समस्या हो सकती है जिससे घाव को ठीक होने में काफी समय लग सकता है। इस दौरान डॉ भास्कर गांगुली,डॉ संगीता शुक्ला,डॉ याग्निक,रोहित टंडन सहित आदि लोग मौजूद रहे।