कानपुर।भारतीय कंपनी सचिव संस्थान कानपुर चैप्टर द्वारा गुमटी प्लाजा स्थित कार्यालय में कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (CSR) विषय पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें मुख्य वक्ता सीएस अंकुर श्रीवास्तव थे। सीएस आशीष बंसल वाईस चेयरमैन भारतीय कंपनी सचिव संस्थान चैप्टर ने सभी आए हुए अतिथियों का स्वागत किया और बताया की CSR अब व्यवसाय का संचालन करने का एक तरीका है जिसके द्वारा कॉर्पोरेट संस्थाएँ सामाजिक रूप से अच्छे में योगदान करती हैं। सामाजिक रूप से जिम्मेदार कंपनियां केवल अपने लाभ को बढ़ाने वाली गतिविधियों में संलग्न होने के लिए संसाधनों का उपयोग करने के लिए खुद को सीमित नहीं करती हैं।
सीएस ईशा कपूर सचिव, कानपुर चैप्टर ने बताया की CSR एक स्वैच्छिक व्यवसाय मॉडल है जिसमें कंपनियां अपने व्यावसायिक कार्यों में सामाजिक, पर्यावरणीय और नैतिक पहलुओं को शामिल करती हैं। भारत में CSR को कंपनी अधिनियम, 2013 के तहत अनिवार्य बनाया गया है, जिसमें कुछ शर्तों को पूरा करने वाली कंपनियों को अपने लाभ का 2% हिस्सा CSR गतिविधियों पर खर्च करना होता है CSR से कंपनियों की ब्रांड छवि में सुधार होता है, उनके ग्राहकों और शेयरधारकों का विश्वास बढ़ता है और उन्हें सामाजिक और पर्यावरणीय मुद्दों पर काम करने का मौका मिलता है।
मुख्य वक्ता सीएस अंकुर श्रीवास्तव ने विस्तार से कंपनी अधिनियम 2013 की धारा 135 कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (CSR) के बारे में बताया। यह उन कंपनियों के लिए अनिवार्य करता है जिनकी कुल संपत्ति 500 करोड़ रुपये या उससे अधिक है या कारोबार 1000 करोड़ रुपये या उससे अधिक है, या शुद्ध लाभ 5 करोड़ रुपये या उससे अधिक है। कंपनियों को अपने शुद्ध लाभ का 2% ही CSR पर खर्च करना होता है। कंपनियों को अपनी CSR गतिविधियों की रिपोर्ट सालाना सरकार को देनी होती है। यदि कंपनियां CSR नियमों का पालन नहीं करती हैं, तो उन्हें दंड का सामना करना पड़ सकता है। कुछ कंपनियां CSR खर्च के लिए फंड ट्रांसफर करने में विफल हो जाती हैं, और उन्हें दंडित किया जाता है। संक्षेप में, CSR भारत में कंपनियों के लिए एक कानूनी दायित्व है, जो उन्हें सामाजिक रूप से जिम्मेदारी से काम करने के लिए प्रोत्साहित करता है। इस अवसर पर प्रबंध समिति की सीएस रीना जाखोडिया,सीएस वैभव अग्निहोत्री,सीएस जाग्रति मिश्रा,सीएस कौशल सक्सेना , सीएस के न श्रीधर,सीएस राहुल मिश्रा व सीएस स्पर्श गुप्ता आदि मौजूद रहे प्रोग्राम का संचालन सी एस अंकित मल्होत्रा ने सुचारू रूप से किया।