कानपुर। बिठूर माँ बगला पीताम्बरा मंदिर में सामूहिक उपनयन(जनेऊ) संस्कार का आयोजन किया गया मूंज का जनेऊ, हाथ में डंडी व कमंडल, शरीर पर पीला वस्त्र व पैरों में खड़ाऊ के साथ यज्ञोपवीत संस्कार कराया गया।
मंदिर के संस्थापक व मुख्य न्यायी डा.सुनील शिवमंगल पाण्डेय ने बताया कि विधि विधान वैदिक तरीके से करीब पंद्रह बच्चों का जनेऊ हुआ।
वही पीठ के वर्ष भर चले कार्यक्रमों का विस्तार पूर्वक वर्णन किया।
वही इन्होंने बताया कि पीताम्बरा माई की कृपा वर्षभर भक्तों पर बनी रहती है, पीठ में उपनयन संस्कार,कन्या विवाह के अलावा राष्ट्र रक्षा यज्ञ का भी आयोजन होता है।
पीठ के आचार्य पंडित धर्मेंद्र कृष्ण त्रिपाठी ने हनुमान जी के जैसा सच्चरित्र,बुद्धिमान व बलवान बनने की प्रेरणा दी। इसमें धार्मिक व आध्यात्मिक उन्नति का समावेश है। इस संस्कार के बाद यज्ञोपवीत धारण किया जा सकता है, जबकि यज्ञोपवीत का वैज्ञानिक महत्व भी सिद्ध हो चुका है। जिसे आम भाषा में जनेऊ कहते है, शास्त्रों के अनुसार इसे धारण करने मात्र से व्यक्ति की आयु वृद्धि होती है, तेज व बलवान होता है।
इस संस्कार का मुख्य उद्देश्य संयमित जीवन के साथ आत्मिक विकास में रहने के लिए बालक को प्रेरित करना है। ज्ञात हो कि मां बगला पीतांबरा पीठ पर हर वर्ष यज्ञोपवीत संस्कार का आयोजन होता है तथा पीठ की ओर संस्कार सामग्री में खड़ाउ,जनेऊ,वस्त्र आदि उपलब्ध करायी जाती है।
इस अवसर पर डॉ. मनीषी पांडेय, महामंत्री आशुतोष सारस्वत ,सूबेदार पांडेय,अमर शास्त्री,अनुज अग्निहोत्री,राम जी अग्निहोत्री, सर्वेश कृष्ण,वागीश मिश्रा,विपिन मिश्रा आदि लोग मौजूद रहे।