कानपुर। संत रविदास स्मृति महोत्सव समिति के तत्वावधान में संत रविदास स्मृति महोत्सव- 2025 के अंतर्गत विभिन्न सामाजिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का 37 वें दिव्य का आयोजन परंपरागत रूप से डबल पुलिया विजयनगर में संपन्न हुआ।
अध्यक्ष राधेश्याम भारतीय ने बताया कि सर्वप्रथम गुरुद्वारा लाजपत नगर के विद्वत ज्ञानी जनों की गरिमामई उपस्थिति में गुरुवाणी, शबद-कीर्तन के माध्यम से संत शिरोमणि गुरु रविदास सहित संतों की महिमा का वर्णन कर कल्याण की प्रार्थना की गई।
सज्जन सिंह-मुरादनगर वाले के नेतृत्व में ज्ञानी सुरजीत सिंह एवं ज्ञानी करतार सिंह के मुखार बिंदुओं से गुरु वाणी का श्रवण कर संगत निहाल हो गई। इसके उपरांत गायको श्याम सैलानी, ऋषि बौद्ध, अंजली बौद्ध ने अपने सामाजिक गीतों के माध्यम से महापुरुषों के मानवीय मूल्यों की स्थापना करते हुए प्रतिबद्धता का सुंदर वर्णन प्रस्तुत किया।
मुख्य वक्ता के रूप में पधारे संविधान मर्मज्ञ प्रोफेसर आर०सी०धीमान ने उपस्थित जनमानस को संबोधित करते हुए कहा कि “संतो, महापुरुषों के महान मानवतावादी विचारों का समन्वय संविधान के निरूपण में भी स्पष्ट दिखाई देता है। संविधान हमारी उन्नति का मार्ग प्रशस्त करता है। साथ ही उन्होंने बहुजन नायक कांशीराम साहब के जीवन दर्शन पर विस्तृत रूप से प्रकाश डालते हुए कहा कि त्याग के प्रतिक श्रेष्ठतम राजनीति विज्ञानी कांशीराम वह दर्पण थे जिसमें संत शिरोमणि गुरु रविदास जी एवं परम पूज्य बाबा साहब डॉ० अंबेडकर जी की छवि देखी जा सकती है।
विशिष्ट अतिथि के रूप में पधारे समाज की प्रमुख विभूतियों में श्रद्धेय जसपाल सिंह (बौद्ध बिहार बिछियाकलां चंदौली), हरविंदर सिंह लार्ड,पास्टर सैमुअल सिंह,पास्टर जितेंद्र सिंह, साजिद सर इंजी० कोमल सिंह, सीमा संखवार,बबली गौतम,प्रेम कांति सचान,अर्चना निषाद, दिनेश कुमार,किरन कुमार,संजय सचान,अनिल पाल,मुन्ना हज़ारिया, प्रो० डॉ० महेंद्र सिंह, सरवन कुमार बौद्ध, हरिनाथ कुमार, बी०पी०अंबेडकर,प्रो० डॉ० आर०के०सिंह,इंजीनियर ओ०पी० सिंह,डॉ० सुभाष चंद्रा डॉ० हरीश चौधरी,इंजीनियर मदनलाल भास्कर आदि लोग उपस्थित रहे।