उन्नाव।क्षेत्र के ग्राम गौरिया कलां में आयोजित श्रीमद्भागवत ज्ञान यज्ञ कथा के तृतीय दिवस शुक्रवार को कथा व्यास आचार्य रामदेव तिवारी ने राजा परीक्षित की कथा श्रवण कराकर श्रद्धालु भक्तों को भावविभोर कर दिया। उन्होंने उपदेश दिया कि परमात्मा का सानिध्य प्राप्त करने में जाति, मज़हब व पंथ कतई बाधक नहीं है। प्रत्येक मानव निष्काम प्रेम कर परमात्मा के चरण कमल में स्थान प्राप्त कर सकता है।
सुभाष इंटर कालेज बांगरमऊ के पूर्व प्रधानाचार्य प्रताप सिंह द्वारा आयोजित श्रीमद्भागवत कथा में व्यास आचार्य तिवारी ने कहा कि गंगा तट पर प्रायश्चित्त के लिए आए राजा परीक्षित के निकट बड़े-बड़े ऋषि महात्मा विद्यमान हैं। वह प्रायश्चित्त करते हैं कि उन्होंने ब्राह्मण का अपमान किया है। इसीलिए ब्राह्मण पुत्र श्रृंगी ने उन्हें श्राप दे दिया है। अब हमारा मन भगवान के चरणों में लगे और हमारा कपट कर्म ही तक्षक बनकर हमें डस ले।
कथा व्यास श्री तिवारी ने उपदेश दिया कि भक्ति को कर्म में जोड़ दें तो वह संसार का कर्म भगवान को प्राप्त कराने वाला हो जाता है। परमपिता परमात्मा से प्रीति रखने वाले मानव को संसार के समस्त पदार्थ अपने आप सुलभ हो जाते हैं और अंतिम समय में शांतिपूर्वक अपने चरणों में स्थान दे देते हैं। अंत में आयोजित प्रताप सिंह ने शुकदेव भगवान की आरती कर प्रसाद वितरित किया।