सेठ आनंदराम जयपुरिया स्कूल में स्वर्ण उत्कर्ष समारोह का हुआ शानदार समापन

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कानपुर। सेठ आनंदराम जैपुरिया स्कूल ने अपना स्वर्ण जयंती ग्रैंड फिनाले ‘स्वर्ण उत्कर्ष’ का शानदार समापन समारोह मनाया गया।

सर्वप्रथम समारोह में मुख्य अतिथि अमन गुप्ता सह- संस्थापक और बोट के सीएमओ ने पधार कर कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई।
इस समारोह का नेतृत्व सेठ आनंदराम जैपुरिया शिक्षण संस्थान समूह के चेयरमैंन शिशिर जैपुरिया एवं परिवार के सदस्यों के साथ-साथ स्कूल की प्रधानाचार्या शिखा बनर्जी,उप प्रधानाचार्या (कनिष्ठ वर्ग) मधुश्री भौमिक, उप प्रधानाचार्य (वरिष्ठ वर्ग) गणेश तिवारी एवं हेड ऑफिस की लीडरशिप टीम के सदस्यों के द्वारा किया गया।
सर्वप्रथम कार्यक्रम का शुभारंभ पारंपरिक दीप प्रज्वलन के साथ हुआ तत्पश्चात विद्यार्थियों ने आदि गुरु शंकराचार्य द्वारा रचित *निर्वाण शटकम स्तोत्र* का मधुर मंत्रोच्चार किया एवं मनमोहक योग प्रदर्शन भी किया। इस समारोह का मुख्य आकर्षण अमन गुप्ता और विद्यार्थियों की फायर साइड चैट और अनौपचारिक वार्तालाप थी, जिसने कार्यक्रम को और अधिक गत्यात्मक और रुचिकर बना दिया। इस वार्ता में उन्होंने अपने जीवन के प्रेरक किस्से साझा करते हुए अपनी उद्यमशीलता यात्रा की झलक प्रस्तुत किया। मुख्य अतिथि ने संस्था के इतिहास, उपलब्धियों, संस्कृति और विरासत को प्रदर्शित करते हुए एक स्वर्ण जयंती कॉफी टेबल बुक‘ का भी अनावरण किया।
इस अवसर पर विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान देने वाले उत्कृष्ट एवं बहुप्रतिष्ठित 50 पूर्व छात्रों को सम्मानित भी किया गया।
विद्यालय की इस विकास यात्रा में सेवानिवृत्ति शिक्षकों को भी सम्मानित किया गया, जिन्होंने अपनी लगन और कठिन परिश्रम से विद्यालय की उन्नति में अपना विशेष योगदान दिया।
इस कार्यक्रम की भव्यता को बढ़ाते हुए विद्यालय में खेल उत्कृष्टता को पुरस्कृत करने के लिए ‘सुनीति देवी मेमोरियल स्पोर्ट्स ट्रॉफी‘ का भी शुभारंभ किया गया।
सेठ आनंदराम जैपुरिया एजुकेशन सोसाइटी के सदस्य यश जैपुरिया ने धन्यवाद ज्ञापन देते हुए अभिभावकगण,छात्रों, विशेष अतिथियों,पूर्व छात्रों, शिक्षकों एवं कर्मचारियों की उपस्थिति में अप्रैल 2024 में शुरू हुए तथा वर्ष भर चलने वाले स्वर्ण जयंती समारोह का सफलतापूर्वक समापन हुआ। यह समारोह शैक्षणिक उत्कृश्टता, नवयुग के नवीन कौशल,रचनात्मकता,नवाचार और स्थिरता की दिशा में सतत प्रयास के लिए जागरूकता सहित मूल्यपरक शिक्षा प्रदान करने के विद्यालय के लक्ष्य का एक प्रमाण है।


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