कानपुर। पिछले 15 साल से पेट में जलन, अपच व रिफ्लेक्स रेगुरगीटेशन से पीड़ित था। पीड़ित मरीज खाना खाने के बाद लेटते समय पेट के उल्टे प्रभाव के कारण उसके मुंह और नाक से खाना वापस चला आरहा था। मरीज ने कई संस्थान जिसमें एम्स रायबरेली में भी दिखाया ,लेकिन मरीज को संतोषजनक उपचार नही मिल सका। उसके बाद उसने कानपुर के जीएसवीएम मेडिकल कालेज में सर्जरी विभागध्यक्ष डॉ जी डी यादव से परामर्श लिया जिस पर उन्होंने मरीज को आपरेशन करने की सलाह देते हुए उसका सफल आपरेशन कर उसको एक नया जीवन दिया। इस तरह का यह पहला ऑप्रेशन है जिसको मेडिकल कालेज में किया गया।
विभागध्यक्ष डॉ जी डी यादव ने बताया कि जिला रायबरेली का निवासी मो0 हुसैन (46)
पेशे से पेंटर का काम करता है और पिछले 15 साल से पेट में जलन अपच के कारण परेशान था। 10 जनवरी 2025 को पहुंचा और उसने ओपीडी में परामर्श लिया। इस दौरान मरीज के लक्षणों की तीव्रता बढ़ जाने कारण मरीज को खाने के बाद उल्टियां की शिकायत भी उत्पन्न हो गई थी। डॉक्टर जीडी यादव द्वारा मरीज को आयुष्मान भारत योजना लाभार्थी के अंतर्गत भर्ती कर उसका उपचार शुरू किया गया। मरीज की दूरबीन विधि द्वारा जांच में ग्रेट चौथा हाइटेल हर्निया नामक बीमारी बताई गई जिसमें छाती व पेट को अलग रखने वाला मध्यपट यानी डायाफ्राम के माध्यम से पेट एवं आंतें छाती की ओर जाने के कारण यह समस्या उत्पन्न हो गई थी। 11 जनवरी 2025 को डॉक्टर जीडी यादव ने आधुनिक दूरबीन विधि द्वारा ऑपरेशन किया जो कि लगभग 2 घंटे चला। डॉ जी डी यादव ने जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज कानपुर में होने वाले प्रथम ऑपरेशन को सफलतापूर्वक अंजाम देने के साथी 15 वर्ष से समस्या से जूझ रहे मरीज मोहम्मद हुसैन को इस बीमारी से निजात दिलाया। ऑपरेशन करने वाली टीम में डॉक्टर मनोज सोनकर सहायक आचार्य, डॉक्टर अंशिका राजन वर्मा जेआर-3, डॉक्टर सारांश दुबे जेआर-3, डॉक्टर मुकेश कुमार सीनियर व एनेस्थीसिया टीम में डॉक्टर अपूर्व अग्रवाल विभागाध्यक्ष, डॉक्टर सत्येंद्र ,डॉक्टर सौम्या व डॉक्टर उमेश जेआर- 3 मौजूद रहे।