उन्नाव।बांगरमऊ नगर के तिकोनिया पार्क के सामने स्थित एक अतिथि गृह में आज रविवार को प्रबुद्ध नागरिक सम्मेलन एवं गोष्ठी का आयोजन किया गया।गोष्ठी में बिठूर आश्रम के महंत स्वामी सर्वेश्वरानंद सरस्वती जी महराज ने कहा कि माता-पिता और गुरु के वचनों को न मानने वाले का चारित्रिक पतन सुनिश्चित है।
डीसीकेएम इंटर कालेज के शिक्षक ज्ञानेश चंद्र द्विवेदी द्वारा आयोजित सम्मेलन और गोष्ठी में स्वामी सर्वेश्वरानंद सरस्वती जी ने उपस्थित प्रबुद्ध जनों से भावी पीढ़ी को संस्कारवान बनाने और भारतीय संस्कृति व सभ्यता का पाठ पढ़ाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि नदी, तालाब,वृक्ष और पर्वत सभी में परमात्मा का वास है। इसलिए पर्यावरण संरक्षण हम सब का परम कर्तव्य है। विशिष्ट अतिथि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रचारक अरविंद चौरसिया ने प्रबुद्ध जनों से जीवन के अंतिम क्षण तक स्वाध्याय कर अपने अनुभव समाज में बांटते रहने की अपील की। उन्होंने कहा कि धर्म आधारित कर्म ही सुकर्म है। डॉ जयप्रकाश ने कहा कि यदि स्वयं ज्ञानी, सतोगुणी और चरित्रवान नहीं बनें, तो भावी पीढ़ी से चरित्रवान बनने की आशा रखना निरर्थक है। पूर्व शिक्षक एवं कवि धीरेन्द्र कुमार शुक्ल ने कहा कि परिवार के सदस्यों और पड़ोसियों सहित समस्त मानव जाति से अच्छा व्यवहार करने वाला ही वास्तव में संस्कारवान है और मन, कर्म, वचन से जो शुद्ध है, वही महान है। उन्होंने भारतीय संस्कृति की रक्षा के लिए लोगों से आपसी विश्वास अर्जित करने की अपील की। गोष्ठी की अध्यक्षता डॉ प्रमोद रस्तोगी तथा संचालन विनय दीक्षित ने किया। गोष्ठी को विशिष्ट वक्ता शिवमूर्ति ने भी संबोधित किया। गोष्ठी में ओम नारायण अग्निहोत्री, आचार्य रामदेव तिवारी, कथा वाचक पंडित सतीश त्रिपाठी, शैलेंद्र कुमार शुक्ल एडवोकेट, विपिन द्विवेदी, सुमित नारायण द्विवेदी, देवेन्द्र यादव शिक्षक, विमल चन्द्र शुक्ल व नीरज गुप्ता सहित सैकड़ों प्रबुद्ध नागरिक शामिल हुए।
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