उन्नाव।बांगरमऊ नगर के ब्लॉक रोड स्थित ब्रम्हा कुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय राजयोग केंद्र द्वारा आज़ शुक्रवार को स्थानीय राजयोग केंद्र परिसर में तनाव, भय, चिंता व घबराहट से मुक्त होकर आंतरिक सुख, शांति एवं आनंद की प्राप्ति हेतु एक दिवसीय विशाल शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में मथुरा की राजयोग शिक्षिका बी.के. सुजाता बहन ने कहा कि राजयोग से एकाग्रता, स्मरण शक्ति और मनोबल में वृद्धि होती है।
स्थानीय राजयोग केंद्र की संचालिका ब्रम्हा कुमारी सरला बहन द्वारा आयोजित शिविर में शिक्षिका सुजाता बहन ने देह अभिमान को काम, क्रोध, लोभ, मोह व अहंकार पांचों विकारों का मुखिया बताया। उन्होंने कहा कि देह अभिमान हमें बार-बार दुखी करता है और हमसे खुशी रूपी खुराक छीन लेता है। साथ ही हमें तनाव, अवसाद, उच्च रक्तचाप, मधुमेह व कैंसर जैसी घातक बीमारियां तोहफे में दे देता है। इन जानलेवा बीमारियों से बचाव का एक मात्र उपाय राजयोग के द्वारा आध्यात्मिक शक्ति बढ़ाना है। उन्होंने उपस्थित जिज्ञासुओं को सुझाव दिया कि पाप कर्मों और नकारात्मक सोच को त्याग दें, तो मन से भय स्वत: भाग जायेगा। सभी मानव आत्माएं एक परमात्मा की संतान हैं। इसलिए सभी आत्माओं को प्रेम, खुशी, सम्मान, सराहना व वरदान देना है और हमें एक-दूसरे का शुभ चिंतक बनना है। बिल्हौर कानपुर राजयोग केंद्र की संचालिका कौशल्या बहन ने कहा कि मन से दूषित संकल्प निकाल कर मन, बुद्धि और संस्कार को पवित्र बनाना है। तभी हम क्रोध मुक्त और तनाव मुक्त बन सकते हैं।
उद्बोधन के पूर्व गौरी और सौम्या बालिकाओं ने स्वागत गीत पर नृत्य प्रस्तुत किया। शिविर का संचालन पुखरायां कानपुर के बी.के.मनोज भाई ने किया। शिविर में सफीपुर केंद्र संचालिका पुष्पा बहन और मथुरा केंद्र की बी. के. लक्ष्मी बहन ने भी जिज्ञासुओं को तनाव मुक्त जीवन जीने की कला का ज्ञान कराया। कार्यक्रम में ज्ञानेश द्विवेदी शिक्षक, महेश फ़ौजी, अखिल रस्तोगी, हरि स्वरुप, अर्चना मिश्रा, रमेश चंद्र, नरेंद्र यादव,अनुराग शर्मा, पुष्पा गुप्ता, शशि गुप्ता, प्रीति यादव व सरस कटियार इत्यादि सैकड़ों जिज्ञासु उपस्थित रहे।