उन्नाव।भारतीय संस्कृति और सनातन धर्म का प्रमुख ज्ञान बुद्धि दात्री का पर्व सरस्वती पूजा व बसंत पंचमी सोमवार 3 फरवरी को मनायें । आज़ समाज में बड़ी भ्रामकता फैली हुई है , जो अपने सनातन धर्म के लिए शुभ सूचक नहीं है । सर्व मान्य काशी विश्व पंचांग शास्त्रीय मान्यता से निर्णय 3 फरवरी को ही बसंत पंचमी पर्व मनाया जाएगा।
मालूम हो कि पंचमी षष्ठी प्रसस्ता सौभाग्य को देने वाली होती है यह जानकारी देते हुए आचार्य ऋषि कान्त मिश्र शास्त्री ऊगू निवासी ने कहा कि मनमुखी आचरण और संदेश समाज को निर्बल बनाता है इसलिए अपने धर्म और संस्कृति शास्त्र का संज्ञान लेकर ही प्रचार प्रसार करें।
संगम तट पर स्थित सभी साधू-संत शाही स्नान प्रयागराज में बसंत पंचमी 3 फरवरी दिन सोमवार को ही करेंगे । अतः सनातन धर्म के रक्षक साधू-संतो की वाणी और शास्त्रीय प्रामाणिक वचनों को सुनकर सद्मार्ग पर आगे बढ़े । जिससे हमारे समाज और सनातन धर्म का उत्थान सम्भव होगा। इसी दिन मां सरस्वती जी का पूजन किया जाता है । जिससे बौद्धिक क्षमता में वृद्धि होती है । 2 फरवरी की दोपहर 12 बजे से शुरू होकर सूर्योदय व्यापिनी पंचमी सोमवार को शुभ मुहूर्त में करें । इसका शुभ मुहूर्त प्रात: काल 5 बजे से 7/30 बजे तक एवं 9 बजे से 12 बजे तक शुभ मुहूर्त में ही पूजन सुहाग और मां सरस्वती जी की कृपा प्राप्त करें । जैसा कि शास्त्र सम्मत कहा गया है। आज राहु काल 7/30 बजे से 9 बजे तक रहेगा।