उ०प्र० एथलेटिक्स एसोसिएशन संघ सचिव द्वारा प्रेस वार्ता का किया गया आयोजन

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कानपुर। उत्तर प्रदेश एथलेटिक्स एसोसियेशन में बीते दो माह से चल रही अस्थिरता के बावत संघ के सचिव डॉ. देवेश दुबे ने अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कानपुर में आयोजित एक प्रेस वार्ता में उन्होंने संघ के विपरीत आचरण करने वालों को बेनकाब किया है।

उत्तर प्रदेश एथलेटिक्स एसोसियेशन के सचिव डॉ.देवेश दुबे ने प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि उत्तर प्रदेश एथलेटिक्स संघ के अध्यक्ष आशुतोष भल्ला ने बीते गत 16 नवम्बर को एक आकस्मिक कार्यकारिणी की जूम मीटिंग बुलाई थी जबकि अध्यक्ष ने यह बैठक आनन-फानन में नियम विपरीत अल्प अवधि में बुलाई। मीटिंग के सात दिन पूर्व संघ के आम सभा के सभी सदस्यों को अवगत कराना था, वह नही किया गया तथा 24 घंटे के अन्दर ही बैठक आयोजित की गई जो कि पूर्णतया असंवैधानिक थी।
कार्यकारिणी के 23 सदस्यों में महज सात सदस्य ही जूम मीटिंग में उपस्थित रहे,जो असंवैधानिक था। हालांकि अपने दस्तावेज में उन्होने 20 सदस्यों की उपस्थिति दिखाई। विडम्बना यह भी कि कार्यकारिणी के दस से अधिक सदस्यों ने लिखित जानकारी संघ सचिव को दी है, कि वे उस मीटिंग के हिस्सा नही थे। जबकि सदस्यों के फर्जी हस्ताक्षर भी मौजूद है।
संघ अध्यक्ष आशुतोष भल्ला का फर्जीवाड़ा यही नही रूकता है। उन्होने 16 नवम्बर को ही इसकी लिखित शिकायत व मीटिंग के मिनटस बैंक को सभी के हस्ताक्षर से युक्त दे दिया, जो असम्भव था।
16 नवम्बर 2024 को जूम मीटिंग दिन में ग्यारह बजे आयोजित होती है और उसी दिन सभी के हस्ताक्षर से बैंक को दी जाती है, जो असम्भव है।
जूम मीटिंग में जब प्रदेश के समस्त जिलों के सदस्य के तो उनका हस्ताक्षर कैसे सम्भव हो पाया? वहीं हस्ताक्षर करने वाली एक सदस्य उस दिन नागपुर, महाराष्ट्र में मौजूद रही, फिर उसके हस्ताक्षर इतनी जल्दी कैसे आ गये। अगर सभी के हस्ताक्षर 16 नवम्बर को मीटिंग स्थल पर ही हुये तो फिर जूम मीटिंग की क्या आवश्यकता थी?
संघ सचिव डॉ देवेश दुबे ने यह भी बताया कि संघ के खिलाफ अध्यक्ष द्वारा कुछ महीनों पूर्व से चल रहे षड़यंत्र एवं सड़क पर हो रहे हस्ताक्षर अभियान की जानकारी जब आम सभा के सदस्यो को हुई, तो उन्होने ई-मेल के द्वारा अध्यक्ष आशुतोष भल्ला से तत्काल जनरल कौंसिल (आम सभा) की मीटिंग हेतु, संघ सचिव से अनुरोध किया। सचिव डॉ0 देवेश दुबे ने अध्यक्ष को जनरल कौंसिल (आम सभा) की मीटिंग के लिये ई-मेल किया, पर अध्यक्ष ने ई-मेल को अनदेखा किया। संघ के सदस्यों के बढ़ते अनुरोध और दबाव पर अध्यक्ष से आम सभा की मीटिंग न बुलाते हुये कार्यकारिणी की मीटिंग बुला लिया, जो हर तरह से असंवैधानिक रही। 16 नवम्बर की कार्यकारिणी में अध्यक्ष ने सचिव डॉ. देवेश दुबे को पद सीज कर नया कार्यकारिणी सचिव नियुक्त कर दिया,जो इस लिहाज से असंवैधानिक था, कि ऐसे निर्णय कार्यकारिणी में लिये ही नही, बल्कि उसका निर्णय या किसी भी मामले का पुख्ता निर्णय आम सभा में ही होती है। अध्यक्ष द्वारा अपने शक्तियों का गलत इस्तेमाल किया और संघ की कार्यकारिणी में 6 नये सदस्यों (चार एसोसियेट वॉयस प्रेसीडेन्ट व दो सदस्य) को इस वजह से जोड़ दिया, ताकि उनके पास कार्यकारिणी में बहुमत हो जाये। यह मंशा एसोसियेशन के आचरण और अनुशासन के विपरीत थी। आम सभा में लगभग 25 से अधिक सदस्यों ने अध्यक्ष से बार-बार जनरल कौंसिल की मीटिंग का अनुरोध किया, पर अध्यक्ष ने आम सभा की अपली को भी बार-बार ठुकराया।
डॉ. देवेश दुबे ने बताया कि संवैधानिक नियमों के तहत अगर अध्यक्ष मीटिंग बुलाने को तैयार नही होता है और सदस्यों में शामिल हो जाता है, तो जनरल कौंसिल के कम से कम 15 सदस्यों को मीटिंग बलाने का अधिकार प्राप्त है। जनरल कौंसिल के अधिकारों से उसके 15 से अधिक सदस्यों ने यू0 पी0 एथलेटिक्स एसोसियेशन की बैठक 25 दिसम्बर को कानपुर में आयोजित हुई।
डॉ. देवेश दुबे ने बताया कि संघ के अध्यक्ष ने यह पूरा षड़यंत्र सचिव के ऊपर गबन के फर्जी मामले प्लांट कर किया था। जनरल कौंसिल की मीटिंग जो 25 दिसम्बर को कानपुर में आयोजित हुई, उसमें कुछ महत्वूपर्ण निर्णय लिये गये, जिसमें संघ के कोषाध्यक्ष नीरज कुमार व संघ के वरिष्ठ सचिव नरेन्द्र कुमार को उनके पद से हटा दिया गया व नया कोषाध्यक्ष महाराजगंज जनपद के सचिव अमित कुमार तिवारी को बना दिया गया, जबकि वरिष्ठ संयुक्त सचिव को हटाते हुये संजीव कुमार को जिम्मा दिया गया। आम सभी के कार्यकारिणी में दो खाली पदों को भी भरा, जिसमें अमित कुमार की जगह देवर्षि व पहले खाली जगह पर पुनीत पाण्डेय को कार्यकारिणी सदस्य बनाया गया। संजीव कुमार से खाली हुये जगह पर लिखी राम चौधरी को संयुक्त सचिव बनाया गया। संघ के नये कोषाध्यक्ष ने 2023-24 फाईनेन्सियल ब्यौरा जनरल कौंसिल के समक्ष रखा। यह वही ब्यौरा था, जिस पर अध्यक्ष ने गलत आरोपों के बूते षड़यंत्र किया था। संघ ने इस मीटिंग में सभी सब-कमेटियाँ भी भंग की थी।
डॉ देवेश दुबे ने प्रेस को जानकारी देते हुये बताया कि बीते 8 जनवरी को लखनऊ में उ0 प्र0 एथलेटिक्स एसोसियेशन ने आम सभा की मीटिंग आम सभा के ही बुलाने पर आयोजित की थी, जिसमें संघ के विपरीत आचरण और अनुशासन बिगाड़ने तथा संघ के बैंक एकाउण्ट के साथ छेड़-छाड़ करने, विभिन्न जिलों को डराने-धमकाने जैसे आचरण को देखते हुये संघ के अध्यक्ष आशुतोष भल्ला को उनके पद से तत्काल हटा देने की कार्यवाई की गयी जिस पर मीटिंग में उपस्थित सभी जनरल कौंसिल के सदस्यों ने अपने सहमति जताई व इस निर्णय को पुख्ता कर दिया। डॉ देवेश दुबे ने आशुतोष भल्ला पर आरोप लगाते हुये कहा कि बीते 22 दिसम्बर को उ0 प्र0 एथेलेटिक्स संघ ने उ0 प्र0 क्रास कंट्री का आयोजन कानपुर में किया था,उसके समानान्तर आशुतोष भल्ला ने भ्रम और कूटनीतिक से लखनऊ में भी फर्जी इण्ट्री के जरिये क्रास कंट्री मीट करायी, जो संघ के अनुशान के भी विपरीत था। वही डॉ देवेश दुबे ने प्रेस को बताया कि आशुतोष भल्ला आज भी षड़यंत्र रच रहे है। उन्होने 11 जनवरी को मेरठ में तथाकथित असंवैधानिक और फर्जी बैठक जनरल कौंसिल की बुलाई है। आशुतोष भल्ला उ0 प्र0 एथलेटिक्स एसोसियेशन के अब अध्यक्ष नही है और न ही जनरल कौंसिल के बहुमत के सदस्यों का उन्हें समर्थन रहा।
डॉ. देवेश दुबे ने यह भी बताया कि आशुतोष भल्ला अपनी मीटिंग में फर्जी यूनिट के सहारे यह मीटिंग बुलाने का प्रयास किया है। लगभग एक दर्जन जनपदों की फर्जी यूनिट बनाकर यह अपनी मीटिंग अयोजित करने वाले है।
इस मीटिंग से उ0 प्र0 एथलेटिक्स एसोसियेशन को कोई लेना-देना नही है।


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