उन्नाव।इब्राहिम बाग स्थित भगवान चित्रगुप्त धाम में सनातन परिवार सत्संग सेवा समिति, वृंदावन के सहयोग से कायस्थ वेलफेयर सोसाइटी और मुख्य यजमान डॉ संजय मिश्रा, संयोजक पवन निगम द्वारा आयोजित श्रीमद्भागवत कथा महायज्ञ के छ्ठे दिन सुविख्यात कथा प्रवक्ता पूज्य संत पंडित राम शरण शास्त्री जी महाराज ने रुक्मिणी विवाह का अद्भुत कथानक सुनाया।
रुक्मिणी, विदर्भ के राजा भीष्मक की पुत्री थीं. वे बहुत सुंदर और बुद्धिमान थीं। एक बार जब पिता भीष्मक ने रुक्मिणी के लिए वर की तलाश की, तो उनसे मिलने वाले हर व्यक्ति ने श्रीकृष्ण की वीरता और साहस की बात बताई। रुक्मिणी ने मन ही मन श्रीकृष्ण को अपना पति मान लिया था। रुक्मिणी ने ठान लिया था कि वह सिर्फ़ श्रीकृष्ण से विवाह करेंगी और नहीं तो प्राण त्याग देंगी। उन्होंने अपनी एक सखी के ज़रिए श्रीकृष्ण को संदेश भेजा। संदेश में रुक्मिणी ने बताया कि वह श्रीकृष्ण से प्रेम करती हैं और उनका विवाह शिशुपाल से तय हो गया है। संदेश मिलने पर श्रीकृष्ण विदर्भ पहुंच गए। जब शिशुपाल विवाह के लिए द्वार पर आया, तब श्रीकृष्ण ने रुक्मिणी का हरण कर लिया। रुक्मिणी के भाई रुक्म को जब पता चला, तो वह अपने सैनिकों के साथ कृष्ण के पीछे गया। श्रीकृष्ण और रुक्म के बीच भयंकर युद्ध हुआ, जिसमें द्वारकाधीश विजयी हुए। इसके बाद श्रीकृष्ण रुक्मिणी को लेकर द्वारका आ गए और दोनों का विवाह हो गया। कथास्थल पर विवाहोत्सव में आनंदमग्न हुए सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु।
कंस ने कृष्ण को मारने के लिए कई असुरों को भेजा, जिनमें से सभी का कृष्ण द्वारा वध कर दिया गया। अंत में, कृष्ण अक्रूर जी के साथ मथुरा पहुँचते हैं और अपने मामा कंस का वध करते हैं तथा अपने माता पिता को कारावास से मुक्त कराया गया। कंस वध के बाद भी भगवान ने कई लीलाएं की जो जीवों को मोक्ष देने के लिए हितकारी हैं।
कथा प्रारंभ और समापन आरती मुख्य यजमान डॉ संजय मिश्रा व उनका परिवार, मुख्य संयोजक पवन निगम, आशीष निगम व उनका परिवार, संरक्षकों डॉ मनोज श्रीवास्तव, नीरज निगम, सौरभ श्रीवास्तव, रामलीला कमेटी अध्यक्ष संजय राठी, हिन्दू जागरण मंच के विमल द्विवेदी, डॉ प्रभात सिन्हा, वेंकट मिश्रा, प्रशांत दीक्षित, अरविंद श्रीवास्तव, कौशल किशोर यादव, वीरेंद्र सिंह, अशोक रस्तोगी, डॉ मनीष सेंगर, राहुल कश्यप, अभिषेक शुक्ला, बबलू शर्मा, बबली मिश्रा, रश्मि निगम, वरुण शंकर दीक्षित, डॉ पूजा अवस्थी, लखीमपुर से गोपाल पांडेय सपरिवार, नीलम त्रिपाठी आदि सहित मुख्य सेवायत कृष्णप्रिय मोती श्याम जी, डॉ पंकज आचार्य, अखिलेश ओमर, गोलू शुक्ला, अखिलेश श्रीवास्तव आदि ने भाग लिया। आयोजकों ने उन्नाव वासियों से ज्यादा से ज्यादा संख्या में मोक्षदायिनी कथा का सपरिवार श्रवण करने का आवाहन किया।