कथा व्यास ने अपनी अमृत वाणी से भक्तो को कथा का रसपान

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उन्नाव।गंजमुरादाबाद नगर में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के आज तीसरे दिन कथा व्यास पंडित अंकुर दीक्षित जी ने बहुत ही सुंदर कथा प्रसंगों का रसपान अपनी अमृतवाणी द्वारा सैकड़ों की संख्या में उपस्थित भक्तिगणों को कराया। उन्होंने आज परीक्षित जी को श्राप की कथा सुनाते हुए कहा कि राजा परीक्षित को श्राप शमीक ऋषि के पुत्र श्रृंगी ऋषि ने दिया था। राजा परीक्षित, शमीक ऋषि से पानी मांगने गए थे, लेकिन ऋषि ध्यान में थे. राजा परीक्षित ने अपना अपमान समझा और गुस्से में आकर ऋषि के गले में मरा हुआ सांप डाल दिया। जब श्रृंगी ऋषि को इस बात का पता चला, तो उन्होंने राजा परीक्षित को श्राप दिया कि सात दिनों के अंदर नागराज तक्षक के काटने से तुम्हारी मृत्यु हो जाएगी। श्राप मिलने के बाद राजा परीक्षित ने अपना समय वेद व्यास के पुत्र शुकदेव का प्रवचन सुनने में बिताया। यही प्रवचन आगे चलकर भागवत पुराण के रूप में प्रसिद्ध हुआ।
राजा परीक्षित, पांडवों के वंशधर और अभिमन्यू के पुत्र थे. भगवान श्रीकृष्ण ने उतरा के गर्भ में उनकी ब्रहस्त्र से रक्षा की थी। इसी के साथ मनु शतरूपा का प्रसंग सृष्टि का विस्तार आदि अनेक प्रसंग बहुत ही रोचक ढंग से सुनाए। इस मौके पर काफी संख्या में भक्तगण उपस्थित रहे।


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