उन्नाव।बांगरमऊ नगर के नानामऊ मार्ग स्थित कृष्ण लीला मैदान में बीते सोमवार की शाम 72 वां दुर्गेश्वरी कृष्ण लीला महोत्सव प्रारंभ हुआ। कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक राजेश पाठक ने ठाकुर जी का पूजन-अर्चन एवं दीप प्रज्वलित कर महोत्सव का शुभारंभ किया।
श्री दुर्गेश्वर कृष्ण लीला समिति के तत्वावधान में आयोजित महोत्सव अंतर्गत वृंदावन धाम से पधारे पंडित भारत भूषण रासलीला मंडल द्वारा भगवान श्री कृष्ण जन्म की लीला का सजीव मंचन किया गया। लीला में प्रस्तुत किया गया कि मथुरा के राजा कंस के अत्याचार से धरती व्याकुल हो उठी। कंस ने अपनी चचेरी बहन देवकी का विवाह वासुदेव जी के साथ करने का निर्णय लिया। वह अपनी बहन को विदा करने जा रहा था। तभी रास्ते में आकाशवाणी हुई कि राजा कंस इसी बहन का अष्टम लाल तेरा काल होगा। यह सुनते ही कंस अपनी बहन देवकी की हत्या करने के लिए तलवार निकलता है। राजा उग्रसेन के विरोध करने पर वह अपने पिता सहित वासुदेव व देवकी को भी कारागार में बंद कर देता है। राजा कंस एक-एक कर सात पुत्रों को मार देता है। अंततः आठवें पुत्र के रूप में भगवान स्वयं कारागार में जन्म लेते हैं। वासुदेव उन्हें यमुना पार कर गोकुल पहुंचा देते हैं। लीला समाप्ति पर समिति के अध्यक्ष सुधीर कुमार मिश्रा सद्धू ने आरती उतारी। इसके पूर्व नगर के समाजसेवी आकाश राजपूत ने महोत्सव हेतु समिति को 51 हजार रुपए भेंट किया।