राम लीला मंचन में किया गया खर दूषण का वध

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उन्नाव।गंजमुरादाबाद कस्बे के राम लीला मैदान में आयोजित रामलीला में सुतीक्ष्ण मुनि के आश्रम मे राम के पहुचने सूर्पनखा संवाद व खर और दूषण वध का मंचन किया गया। सुतीक्ष्ण मुनि व खरदूषण के अभिनय ने रामलीला पंडाल में बैठे दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। रामलीला मंचन के दौरान सुतीक्ष्ण जी श्रीराम से मिलने की खुशी में नाच रहे थे। एक पेड़ के पास श्रीराम ने सुतीक्ष्ण मुनि को नाचते हुए देखा तो वे समझ गए कि ये मेरे लिए आनंद में झूम रहे हैं, लेकिन संकोच भी कर रहे हैं कि मुझसे कैसे मिलें? सुतीक्ष्ण के आनंद को देखकर राम ने विचार किया कि मुझे इनसे मिलने जाना चाहिए। श्रीराम तुरंत ही सुतीक्ष्ण मुनि के सामने पहुंच गए। राम को देखकर सुतीक्ष्ण अपने होश खो बैठे और बेहोश हो गए। श्रीराम ने उनकी बेहोशी दूर की। जब सुतीक्ष्ण को होश आया तो वे रोने लगे और बोले कि आप इतने बड़े व्यक्ति हैं, आप खुद मेरे पास आए हैं। श्रीराम ने कहा कि हे मुनि, इस संसार में कोई बड़ा छोटा नहीं होता है। सभी एक समान हैं। हमें ऐसे विचार नहीं रखना चाहिए।इसके बाद राम सीता लक्ष्मण पंचवटी पहुचते है। इसी दौरान सूर्पनखा शादी का प्रस्ताव लेकर स्वयं भगवान राम के पास आती है और कहती है कि आप बहुत अच्छे हैं। मैं आपसे विवाह करना चाहती हूं। भगवान राम कहते हैं कि हम कुंवारे नहीं विवाहित हैं। बस एक नार व्रत रखते हैं। अपनी को छोड़ अन्य सबको माता या बहन समझते हैं। फिर सूर्पनखा लक्ष्मण के पास जाती है। जिस पर लक्ष्मण उसकी नाक कान काट देते हैं। जब यह समाचार रावण को मिला तो उसने खर और दूषण को राम व लक्ष्मण से युद्ध कर उन्हें मारने के लिए भेजा। दोनों ओर से भंयकर युद्ध होता है। राम लक्ष्मण के हाथों खर और दूषण मारे जाते हैं। इस मौके पर सैकड़ों की संख्या में लोग उपस्थित रहे।


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