कानपुर।स्वतंत्रता संग्राम में अपने लेखन अमूल्य योगदान देने वाले गणेश शंकर विद्यार्थी की जयंती की पूर्व संध्या पर कानपुर जर्नलिस्ट क्लब के तत्वावधान में अशोक नगर कानपुर स्थित हिन्दी पत्रकार भवन पर विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया।
सर्वप्रथम कार्यक्रम का शुभारंभ तैल चित्र पर माल्यार्पण के उपरांत किया गया।
सभी वक्ताओं ने विद्यार्थी के जीवन दर्शन,व्यक्तित्व व कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए अपने अपने विचार प्रस्तुत किया।
जर्नलिस्ट क्लब के महामंत्री अभय त्रिपाठी ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि वह विलक्षण प्रतिभा के धनी व स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एवं ओजस्वी वक्ता भी थे। उन्होंने स्वतंत्रता आंदोलन में अपने लेखन एवं विचारों के माध्यम से अंग्रेजो के खिलाफ जन जागरण अभियान चलाकर संघर्ष को तेज करने का काम किया। कानपुर के संप्रदायिक दंगे के दौरान उनकी हत्या कर दी गई जबकि वह अंतिम समय तक अत्याचार एवं अन्याय के खिलाफ संघर्ष करते रहे। उन्होंने कम उम्र में ही स्वतंत्रता आंदोलन, पत्रकारिता और समाजसेवा के क्षेत्र अमिट छाप छोड़ी। यह उनके ज्ञानवान और ऊर्जावान होने के कारण ही संभव हो सका।
उन्होंने यह भी बताया कि वर्तमान दौर के युवाओं में वैसी ही जिजीविषा की आवश्यकता है। जबकि नई पीढ़ी में बालपन से ही ज्ञान विकसित करना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि वर्तमान समय में निजी और व्यवहारिक चुनौतियों के बीच पत्रकार बने रहना बहुत कठिन है।
तत्पश्चात गोष्ठी का संचालन कर रहे वरिष्ठ पत्रकार कुमार त्रिपाठी ने कहा कि गणेश शंकर ने अपने नाम के साथ विद्यार्थी शब्द जोड़ा था,क्योंकि वह ज्ञान प्राप्ति की इच्छा रखते थे। एक पत्रकार को जीवन भर पढ़ना ही होता है। किसी भी मामले में पत्रकार को जड़ तक जाना ही होता है।
इस मौके पर वीरेन्द्र चतुर्वेदी, वरिष्ठ पत्रकार शैलेन्द्र मिश्रा, पुष्कर बाजपेयी, संजय मौर्या, जीपी अवस्थी, विशाल सैनी, पंकज अवस्थी समेत अन्य पत्रकार मौजूद रहे।