उन्नाव।श्रीरामलीला समिति के तत्वावधान में गंजमुरादाबाद नगर में हो रही रामलीला में बुधवार को कैकई का कोप भवन में जाना,दशरथ-कैकई संवाद एवं श्रीराम जी का सीता लक्ष्मण सहित वन को प्रस्थान का मंचन किया गया रामलीला में राजा दशरथ से रानी कैकई द्वारा मांगे गए वचन की लीला का मंचन किया गया। रामलीला में जब भगवान राम को अयोध्या का राज देने की चर्चाएं आई तो रानी कैकई को उसकी दासी मंथरा ने भड़का दिया। मंथरा ने कहा कि राम तो राजा बन जाएंगे। मगर कैकई पुत्र भरत को कुछ नहीं मिलेगा। इसको लेकर रानी कैकई कोप भवन में चली जाती है। और वहां जाकर रूठ कर बैठ जाती है। इस बात का जब राजा दशरथ को पता चलता है तो, राजा कोप भवन में जाकर रानी कैकई से उसका कारण जानते हैं। कैकई राजा दशरथ से अपने वचन मांगती है। इसके तहत कैकई दशरथ से अपने पुत्र भरत को राज गद्दी तथा राम को चौदह वर्ष का वनवास मांगती है। इसको सुनकर दशरथ बहुत दुखी होते हैं। वो कैकई से कहते हैं कि तुम कुछ भी मांग लो, लेकिन राम को वनवास मत मांगों। इस पर कैकई कहती है कि तुम अपने वचन से मुकर जाओ। इस पर दशरथ कहते हैं कि रघुकुल रीत सदा चली आई, प्राण जाएं पर वचन न जाई। राजा ऐसा ही करने को तैयार हो जाते हैं। लीला में श्रीरामजी सीताजी लक्ष्मण सहित वन को प्रस्थान करते हैं।