उन्नाव ।गंजमुरादाबाद नगर में आयोजित रामलीला के तीसरे दिन मुनि याचना से लेकर ताड़का वध अहिल्या उद्धार, नगर दर्शन, फुलवारी लीला का मंचन किया गया।
रामलीला का शुभारंभ मुनि विश्वामित्र जब अयोध्या के राजा दशरथ से अपने यज्ञ को सफल बनाने के लिए मदद की गुहार लगाने पहुंचे और उनके पुत्रों को मांगा तो राजा दशरथ अधीर हो उठे। मुनि की समस्या सुन राजा दशरथ ने पुत्र मोह त्यागकर राम-लक्ष्मण को उनके साथ भेज दिया। ताड़का और उनके साथी चिरपोटन की चुटीली बातों ने सबका मनोरंजन किया। प्रभु राम ने ताड़का का वध किया तो ऋषि-मुनि खुश हो उठे। आगे चलकर वन में एक शिला को देख कर राम के पूछे जाने पर ऋषि विश्वामित्र उन्हें अहिल्या की पूरी कहानी सुनाते हैं प्रभु श्रीराम अपनी चरण रज से अहिल्या को सद्गति प्रदान करते हैं इस प्रकार विश्वामित्र के साथ प्रभु श्री राम आगे चलकर जनकपुरी पहुंच जाते हैं जहां पुष्प वाटिका में भगवान श्री राम को गौरी पूजन के लिए आई सीता जी का प्रथम दर्शन होता है। रामलीला का मंचन राम जानकी मंडल द्वारा किया जा रहा है। इस अवसर पर श्रीराम लीला समिति के साथ ही बहुत बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे।