ऊगू में सार्वजनिक रामलीला समिति द्वारा बुधवार को धनुष यज्ञ लीला का आयोजन किया गया

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उन्नाव।फतेहपुर चौरासी क्षेत्र के कस्बा ऊगू में सार्वजनिक रामलीला समिति द्वारा कराई जा रही रामलीला में बुधवार को धनुष यज्ञ लीला का आयोजन किया गया।धनुष यज्ञ में कस्बे के कलाकारों द्वारा किए गए सजीव अभिनय ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

फतेहपुर चौरासी क्षेत्र के कस्बा ऊगू में सार्वजनिक रामलीला समिति द्वारा आयोजित रामलीला में बुधवार को धनुष भंग की लीला का मंचन किया गया। एक सौ चालीस वर्षों से अधिक समय से आयोजित उक्त रामलीला में स्थानीय कलाकारों द्वारा अभिनय किया जाता है।बीती रात धनुष यज्ञ की लीला में सीता स्वयंबर में आए राजाओं ने जोर लगाया किन्तु धनुष को उठाना तो दूर कोई उसे हिला भी नहीं सका। बेटी के ब्याह के लिए वीर वर न मिलने से मायूस हो कर राजा जनक के करुण विलाप ने दर्शक दीर्घा को अश्रुपूरित कर दिया।विलाप कर रहे जनक ने व्यथित होकर रोष करते हुए धरती को बीर विहीन कह दिया। मिथला नरेश के बचन सुन कर लक्ष्मण जी नाराज हो गए। बीच सभा में आकर उन्होंने कहा कि महाराज जनक आपने यह भी नहीं देखा कि यहां प्रभु श्रीराम भी उपस्थित है पृथ्वी को बीर विहीन कह दिया। गुरू विश्वामित्र की आज्ञा पाकर श्रीराम धनुष के पास पहुंचे उन्होंने धनुष को प्रणाम कर एक ही झटके में उसे उठा लिया।भगवान राम द्वारा धनुष पर चाप चढ़ते ही वह खंडित हो गया। धनुष टूटने के बाद सीता जी ने श्रीराम के गले में वर माला पहनाया । शिव शंकर के धनुष टूटने पर हुई घनघोर गर्जना सुन महिद्राचल पर तपस्या में लीन भगवान परशुराम की तंद्रा भंग हो गई। वह मिथिलापुरी जा पहुंचे और राजा जनक से धनुष तोड़ने वाले के बारे में पूछने लगे।श्री राम जी परशुराम को शांत करने का प्रयास करते रहे। लेकिन उनके शांत ना होने पर लक्ष्मण कहते हैं बहु धनुही तोरी लरिकाई कबहु न असरिष कीन्ह गोसाईं, यहि धनु पर ममता केहि हेतू। लक्ष्मण के शब्द सुनकर परशुराम का क्रोध अधिक बढ़ जाता है। परशुराम और लक्ष्मण के बीच हुये वीर रस एवं श्रंगार रस के वाक युद्ध ने दर्शकों खूब तालियां बटोरी।भगवान राम द्वारा अपने भाई की प्राणों की रक्षा हेतु किये गये करुण विलाप ने उपस्थिति जनमानस को करुण रश में डुबा दिया। श्रीराम के द्वारा कहे गए गूढ़ वचनों को सुनकर परशुराम जी विस्मय में पड़ गए।भगवान विष्णु के द्वारा दिये गये सारंग धनुष को श्री राम को देते हुए उसकी प्रत्यंचा चढ़ाने को कहते हैं। प्रभु द्वारा चाप चढ़ाते ही भगवान परशुराम उन्हें पहचान कर धनुष उन्हें सौंपकर वापस चले गये। आयोजक समिति के महामंत्री अवधेश दीक्षित ने बताया कि रामलीला का मंचन कस्बे के कलाकारों द्वारा एक सौ तैतालिस वर्षों से किया जा रहा है। समिति के अध्यक्ष राहुल पटेल द्वारा सभी के प्रति आभार व्यक्त किया गया। नगर पंचायत ऊगू के पूर्व चैयरमैन अनुज दीक्षित द्वारा भी सभी का आभार ब्यक्त किया गया। इस अवसर पर अरुण पाण्डेय हर्ष शुक्ला सुनील द्विवेदी डाक्टर संजीव कनौजिया विवेक तिवारी रामनरेश सैनी पूर्व सभासद आदर्श दीक्षित निशांत पटेल सुनील कुमार रामू आचार्य नरेंद्र सिंह सहित क्षेत्र के सैकड़ों लोगों ने धनुष यज्ञ लीला आनन्द लिया।


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