ब्यूरो,कानपुर।राष्ट्रीय सैनिक छात्र सेवा परिषद संस्थापक व अध्यक्ष ने दीपों के त्योहार दीपावली पर इस बार न केवल लोगों का घर बल्कि पर्यावरण भी महकेगा। शहर की करीब सैकड़ो महिलाओं को एक संस्था ने दीपावली पर गाय के गोबर से दीपक, धूपबत्ती, पूजा की थाली समेत पच्चीस प्रकार के सामान तैयार किए हैं. जिसमें गाय के गोबर से निर्मित ये दीपक और अन्य पूजन सामग्री जहां घर को महाकाएंगी, वहीं इनमें मौजूद तुलसी, अश्वगंधा जैसे बीजों से नए पौधे भी तैयार हो सकेंगे। महिलाओं ने अब तक लगभग एक लाख दीपक और अन्य पूजन सामग्री की बिक्री कर दी है, साथ ही 51 लाख दीपक बेचने का लक्ष्य रखा है।
संस्था के अध्यक्ष अंकित शुक्ला ने बताया कि हम गाय के गोबर से करीब सौ से अधिक प्रोडक्ट तैयार करवाते हैं, इसके लिए महिलाओं को प्रशिक्षित करते हुए गाय के गोबर से दीपक, पूजा की थाली, स्वास्तिक, ओम, धूपबत्ती जैसे पच्चीस प्रोडक्ट तैयार करने का प्रशिक्षण दिया गया है। अब ये महिलाएं अलग-अलग ग्रुप में घर पर ही गाय के गोबर से दीपक और अन्य पूजन सामग्री तैयार कर बिक्री कर रही हैं।
अब तक सवा लाख दीपों की बिक्री भी हो गई है।
इस बार दीपावली पर 51 लाख दीपकों के बिक्री का लक्ष्य है. अब तक महिलाओं की ओर से निर्मित सवा लाख दीपक की बिक्री हो चुकी है। शहर के काशीराम कालोनी निवासी महिला गुड्डी ने बताया कि करीब 8 महिलाएं घर पर ही गाय के गोबर से दीपक व अन्य सामान तैयार करती हैं इसके लिए आस-पड़ोस की पालतू गाय और सड़कों पर घूमने वाली गायों का गोबर इकट्ठा कर लेती हैं। आरती ने बताया कि अब तक 25 हजार दीपक और अन्य सामान तैयार किया जा रहा है जिसमें से लगभग 20 हजार दीपक की बिक्री भी हो गई है।
इसी तरह अन्य ग्रुप की महिलाएं भी घरों पर ही दीपक तैयार कर वहीं पर बिक्री कर रही हैं हर आकार के दीपक कि महिलाओं ने 8 प्रकार के अलग अलग आकार और डिजाइन के दीपक तैयार किए हैं जिसमें एक रुपए से दस रुपए तक कीमत एवं इसके अलावा 10-10 रुपए कीमत के स्वास्तिक, ॐ, श्री, पूजन थाली, 50 रुपए से 150 रुपए तक के लक्ष्मी- गणेश जी, 15 रुपए की धूप बत्ती आदि तैयार की गई है।
गाय के गोबर से निर्मित सभी सामान शुद्ध और पवित्र माने जाते हैं. इसलिए दीपावली पर लक्ष्मी पूजन में इनके उपयोग का विशेष महत्व है ऐसा माना जाता है कि गाय के गोबर से निर्मित धूप बत्ती और दीपक जलाने से घर की नकारात्मक ऊर्जा दूर हो जाती है।