बेहटा मुजावर थाने में पुलिस आवास की धनराशि स्वीकृत किए जाने के संबंध में उच्च न्यायालय ने सरकार को हलफनामा दाखिल करने के दिए आदेश

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उन्नाव।बांगरमऊ तहसील क्षेत्र के बेहटा मुजावर थाने में पुलिस आवास की धनराशि स्वीकृत किए जाने के संबंध में उच्च न्यायालय खंडपीठ लखनऊ की डबल बेंच ने उत्तर प्रदेश सरकार से 30 सितंबर तक हलफनामा दाखिल किए जाने का आदेश दिया।

मालूम हो कि क्षेत्र के ग्राम इस्माइलपुर आंबापारा (कुर्मिन खेड़ा) निवासी उच्च न्यायालय खंडपीठ लखनऊ के वरिष्ठ यश भारतीय अधिवक्ता व प्रमुख समाजसेवी फारूक अहमद एडवोकेट ने 16 जनवरी 2020 को एक जनहित याचिका संख्या 1171/2020 उच्च न्यायालय खंडपीठ लखनऊ में दायर की थी। जिसमें बेहटा मुजावर थाना की बिल्डिंग व पुलिस आवास बनाए जाने की मांग की गई थी। याचिका की सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय ने दिनांक 18 जनवरी 2020 को सख्त आदेश पास किया कि पुलिस थाना बिल्डिंग व आवास के लिए उत्तर प्रदेश सरकार आवश्यक कदम उठाए। उसके बाद 29 जनवरी 2020 को उत्तर प्रदेश सरकार ने थाना बिल्डिंग के लिए 6 करोड़ 4 लाख रुपया स्वीकृत किया। धनराशि स्वीकृत हो जाने के बाद थाने की बिल्डिंग बन गई। 27 अगस्त 2021 को उच्च न्यायालय ने उत्तर प्रदेश सरकार से यह स्पष्ट करने को कहा कि अभी तक पुलिस आवास के लिए धनराशि स्वीकृत क्यों नहीं की गयी। जबकि थाना बिल्डिंग के लिए धनराशि स्वीकृत की जा चुकी है। तत्पश्चात दिनांक 11 सितंबर 2021 को उच्च न्यायालय ने उत्तर प्रदेश सरकार से जवाबी हलफ़नामा दाखिल करने को कहा था जो अभी तक दाखिल नहीं किया गया। 3 सितंबर 2024 को उच्च न्यायालय लखनऊ बेंच के न्यायमूर्ति राजन राय व ओमप्रकाश शुक्ला की डबल बेंच ने सुनवाई की और उत्तर प्रदेश सरकार से कहा कि 30 सितंबर तक हर हाल में पुलिस आवास की धनराशि स्वीकृत किए जाने के संबंध में अपना हालफ़नामा दाखिल करे। तत्पश्चात सुनवाई के लिए केस सूचीबद्ध होगा।


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