संवाददाता,घाटमपुर।श्रावण मास के अंतिम सोमवार को क्षेत्र के सभी शिवालयों के दर्शन के लिए भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी है। घाटमपुर क्षेत्र के भीतरगांव-साढ़ मार्ग के किनारे झारखंडेश्वर धाम के मंदिर अपने आप में कई रहस्य हैं! मंदिर की ख्याति आसपास जनपदों में फैली है,मंदिर की मान्यता है कि आज तक कोई भी मंदिर की छत नहीं डलवा पाया है। सावन मास में यहां आसपास से लोग दर्शन को आते हैं। शिवरात्रि में यहां पर बाबा की बारात निकलती है।भीतरगांव स्थित झारखंडेश्वर धाम मंदिर प्राचीनकाल का बताया जाता है। यहां के भक्त बताते हैं कि कई बार झारखंडेश्वर धाम मंदिर में भक्तों ने छत डलवाने की सोंचता था लेकिन बाबा उन्हें सपना देकर छट डलवाने को मना करते रहे, इसके चलते यहां शिवलिंग खुले आसमान के नीचे अभी भी विराजमान हैं! यहां आने वाले भक्त जो भी मन्नत मांगते हैं।बाबा सभी भक्तों की सभी मनोकामना पूरी करते हैं।

कानपुर- सागर हाइवे किनारे अज्योरी स्थित प्राचीन मंदिर विहारेश्वर की है,बड़ी मान्यता पूरे सावन भर विशाल मेला के साथ निकलती सुंदर झांकियां
सजेती क्षेत्र के अज्योरी स्थित प्राचीन मंदिर विहारेश्वर महादेव मंदिर की बड़ी मान्यता है, प्राचीन मंदिर में क्षेत्र ही नहीं अपितु अन्य जिलों, प्रदेशों के भक्त सुबह भोर पहर से मंदिर गेट की लाइन में लगकर, मंदिर स्थित शिवलिंग के दर्शन कर दूध,दही,जल, शहद का अभिषेक कर विल्व पत्र,समी पत्र,पुष्प, तिल, जौ चावलआदिअर्पित कर शिवलिंग की सच्चे मन से पूजा अर्चना की! 19 अगस्त सोमवार को सावन के आखिरी सोमवार को आनूपुर स्थिति सती अनुसुइया आश्रम से राजसी रथ में सवार होकर भगवान भोलेनाथ,मां पार्वती, गणेश भगवान, भूत पिशाच आदि की सुंदर झांकियां डीजे धुन के साथ थिरकते हुए सैकड़ों श्रद्धालुओं के साथ झांकी प्राचीन मंदिर विहारेश्वर धाम पहुंची,जहां धाम के संत सहित मंदिर के सेवादारों ने झाकियों की आरती उतार कर सभी देवों का स्वागत करते हुए मेवा,मिष्ठान,फल आदि का भोग लगवाया साथ ही झांकियों के साथ भक्तों को केला,सेव पूड़ी सब्जी के भंडारे का प्रसाद से छकाकर मंदिर परिसर का भ्रमण कराते हुए झांकियों सहित हर- हर बम- बम के जयकारे की गूंज के साथ मनमोहक झांकियों की बिदाई की,मंदिर परिसर में सावन मास के प्रत्येक सोमवार को विशाल मेला लगता है जिसमें दूर दराज से मंदिर में आए भक्त अपने जरूरत के सामान की खरीदारी करते हैं! मंदिर परिसर में आए दुकानदारों से मंदिर कमेटी कोई वसूली नहीं करती है, सभी दुकानदार अपनी इच्छानुसार मंदिर में सेवा दान ही करते हैं सावन मास में प्रत्येक सोमवार को भक्तों द्वारा मंदिर में विशाल भंडारे का आयोजन होता रहता है! मेले में सुरक्षा की दृष्टि से भारी पुलिस बल तैनात रहा है।प्राचीन विहारेश्वर मंदिर के पुजारी महंत श्री शिव स्वरूपा नंद जी ने बताया कि मंदिर स्थित शिवलिंग की बड़ी ही महत्ता है उन्होंने बताया कि जो भी भक्त सच्चे मन से शिवलिंग पर अभिषेक के साथ पूजन करता है उनकी हर मनोकामनाएं अवश्य पूर्ण होती हैं।
