फतेहपुर,बिन्दकी । गणतंत्र दिवस हो या फिर स्वतंत्रता दिवस दोनों के आते ही शुरू हो जाता है तिरंगे का अपमान अंगूठा छाप नेता अगर गलती करता है तो बात समझ मे आती है कि नेता पढ़ा लिखा नहीं बल्कि अनपढ़ है लेकिन अगर यही गलती किसी अधिकारी की ओर से की जाए तो इसे गलती नहीं बल्कि तिरंगे का अपमान कहा जायेगा जो कि बिन्दकी नगर में तिरंगे का अपमान एक आम सा होता चला आ रहा है जिसे आम आदमी के साथ साथ पढ़े लिखे अधिकारी भी छोटी मोटी गलती मानते हैं आपको बताते चलें कि यह अधिकारी कोई और नहीं बल्कि अधिशाषी अधिकारी नगर पालिका परिषद बिन्दकी हैं लेकिन यदि देखा जाए तो इस झण्डे के लिए देश का नौजवान देश की आन बान व शान के लिए सरहदों पर अपने सिर को कटाने के लिए चौबीसों घण्टे तैयार रहते हैं लेकिन भारत देश के झण्डे को झुकने नहीं देते हैं लेकिन देश के भीतर बैठे पढ़े लिखे अधिकारी अगर आप गलती करे तो इससे ज्यादा शर्मनाक क्या हो सकता है बताते चलें कि विगत कुछ माह पहले भी इसी तरह बिन्दकी नगर में 12 रबी उल अव्वल में भी तिरंगे के साथ छेड़छाड़ कर उसके चक्र को हटाकर किसी अन्य देश का राष्ट्रीय चिह्न लगा दिया गया था जिस पर स्थानीय पुलिस द्वारा इस कृत्य को करने वालों को वीडियो के आधार पर ढूंढकर दस नामजद तो वहीं चालीस अज्ञात पर मुकदमा पंजीकृत कर कार्यवाही अमल में लायी गयी यदि तिरंगे के सम्मान पर बात आये या फिर उसका अपमान किसी भी प्रकार से हो इस तरह की कार्यवाही सभी पर एक समान लागू हो तो क्या कहने पुलिस की भी अपनी एक अलग पहचान निकल कर लोगों के सामने एक मिसाल कायम कर सकती है खैर अब इस अधिकारी अपनी सफाई बाद में क्या देते हैं ये तो समय आने पर ज्ञात होगा।