फतेहपुर।सदर तहसील क्षेत्र के हसवा के मौजा बरारी स्थित अनुसूचित जाति की भूमि गाटा संख्या 931 को भिन्न सामान्य जाति के नाम बैनामों के द्वारा बय किए जाने के मामले में कई बार आवाज उठाए जाने के बावजूद कार्रवाई न होने पर भुक्तभोगी ने एक बार फिर जिलाधिकारी को शिकायती पत्र सौंपकर दोषी राजस्व निरीक्षक के खिलाफ कार्रवाई किए जाने की मांग की है।
शहर के पनी मुहल्ला लल्लू मियां की कोठी निवासी फारूख अहमद पुत्र स्व. निहाल अहमद ने जिलाधिकारी को शिकायती पत्र देकर बताया कि बृजलाल पुत्र चैतू निवासी मोहम्मदपुर नेवादा मजरे बरारी परगना हसवा अनुसूचित जाति का सदस्य है। उनको पट्टे से प्राप्त हुई गाटा संख्या 931 रकबा 0.2420 हे. स्थित मौजा बरारी को बिना सक्षम न्यायालय से अनुमति प्राप्त किए अथवा बिना भूमि को धारा 143 के अंतर्गत अकृषकीय कराए अनुसूचित जाति से भिन्न सामान्य जाति की शहनाज बेगम पत्नी मुख्तार हुसैन निवासी पनी को जरिए विभिन्न बैनामों के द्वारा बय कर दिया था। जिसकी शिकायत उन्होने कई बार राजस्व अधिकारियों से की। कार्रवाई न होने पर उन्होने एक वाद योचित किया। जो उप जिलाधिकारी न्यायिक तहसील स्तर के न्यायालय में विचाराधीन है। उक्त वाद में न्यायालय द्वारा आख्या तलब की गई थी। जिसमें क्षेत्रीय लेखपाल द्वारा प्रस्ताव आख्या तैयार करके राजस्व निरीक्षक रामचंद्र पांडेय को दे दी परन्तु उक्त राजस्व निरीक्षक द्वारा शहनाज को अनुचित लाभ पहुंचाने की गरज से दी गई आख्या को अग्रेसित नहीं किया गया। जिसकी शिकायत उसने 22 जुलाई को तहसील दिवस में की थी। जिस पर राजस्व निरीक्षक ने शहनाज बेगम से मामले को सुलह करवाने व तीन लाख रूपए लेकर मामले की पैरवी को बंद किए जानेका प्रस्ताव दिया। उसने उसी समय सिरे से नकार दिया तब राजस्व निरीक्षक ने उससे अपशब्दों का प्रयोग करते हुए कहा कि इस मुकदमें में तुम्हारे खिलाफ आख्या लगाकर भेज रहा हूं जो करना हो कर लेना। राजस्व निरीक्षक की रिपोर्ट में राजस्व निरीक्षक स्वयं बनकर ये आख्या दी गई कि अस्त उपरोक्तानुसार प्रकरण के निस्तारण हेतु संदर्भित वाद संख्या 1-टी-202402250102632 फारूख बनाम बृजलाल आदि उप्र. राजस्व संहिता 2003 की धारा 32/38 के अंतर्गत् पोषणीय प्रतीत नहीं होती है। ऐसे में उक्त पत्रावली को नायब तहसीलदार हसवा अथवा राजस्व निरीक्षक के द्वारा तलब कर निरीक्षण कर न्याय संगत कार्रवाई किया जाना आवश्यक है। मांग किया कि उक्त प्रकरण में पत्रावली मंगाकर निरीक्षण कर दोषी राजस्व निरीक्षक के खिलाफ कार्रवाई की जाए।