फतेहपुर। कोचिंग सेंटर 16 साल से कम उम्र के विद्यार्थियों को अपने यहां दाखिल नहीं कर सकेंगे और अच्छे नंबर या रैंक दिलाने की गारंटी जैसे भ्रामक वादे भी नहीं कर सकेंगे। अन्यथा की स्थिति में कोचिंग संचालकों पर एक लाख रुपये जुर्माना और उनका रजिस्ट्रेशन रद्द करने की कार्यवाही होगी। डीआईओएस राकेश कुमार ने सभी कोचिंग संचालकों को सख्त दिशा निर्देश जारी किए हैं। डीआईओएस ने बताया कि शिक्षा मंत्रालय द्वारा विद्यार्थियों की आत्महत्या के बढ़ते मामलों, आग की घटनाओं, कोचिंग संस्थानों में सुविधाओं की कमी के साथ-साथ उनके द्वारा अपनाई जाने वाली शिक्षण पद्धतियों के बारे में सरकार को मिली शिकायतों के बाद गाइड लाइन जारी की गई है। उन्होंने बताया कि जिले के कोई भी कोचिंग संस्थान स्नातक से कम योग्यता वाले शिक्षकों को नियुक्त नहीं करेगा। कोचिंग संस्थान विद्यार्थियों के नामांकन के लिए माता-पिता को भ्रामक वादे या रैंक या अच्छे अंक की गारंटी नहीं दे सकते। संस्थान 16 वर्ष से कम उम्र के छात्रों का नामांकन नहीं कर सकते। विद्यार्थियों का कोचिंग संस्थान में नामांकन माध्यमिक विद्यालय परीक्षा के बाद ही होना चाहिए।
अपराधिक व्यक्ति से नहीं ली जा सकती सेवाएं
कोचिंग संस्थान किसी भी शिक्षक या ऐसे व्यक्ति की सेवाएं नहीं ले सकते, जो नैतिक कदाचार से जुड़े किसी भी अपराध के लिए दोषी ठहराया गया हो। कोई भी संस्थान तब तक पंजीकृत नहीं होगा जब तक कि उसके पास इन दिशानिर्देशों की आवश्यकता के अनुसार परामर्श प्रणाली न हो।
संस्थानों को करना होगा ब्यौरा उजागर
डीआईओएस ने बताया कि कोचिंग संस्थानों की एक वेबसाइट होगी। जिसमें पढ़ाने वाले शिक्षकों (ट्यूटर्स) की योग्यता, पाठ्यक्रम-पाठ्य सामग्री, पूरा होने की अवधि, छात्रावास सुविधाएं और लिए जाने वाले शुल्क का अद्यतन विवरण होगा। विद्यार्थियों पर कड़ी प्रतिस्पर्धा और शैक्षणिक दबाव के कारण कोचिंग संस्थानों को उन्हें तनाव से बचाने के लिए कदम उठाने चाहिए और उन पर अनावश्यक दबाव डाले बिना कक्षाएं संचालित करनी चाहिए।
पारदर्शी होना चाहिए शुल्क
निर्देशों में बताया गया है कि विभिन्न पाठ्यक्रमों का शुल्क पारदर्शी और तार्किक होना चाहिए और वसूले जाने वाले शुल्क की रसीद दी जानी चाहिए। इसमें साफ किया गया है कि यदि छात्र बीच में ही पाठ्यक्रम छोड़ता है तो उसकी बची हुई अवधि की फीस लौटाई जानी चाहिए।
कोट………
जिले के सभी कोचिंग संस्थानों को गाइड लाइन का पालन करना अनिवार्य है। अन्यथा की स्थिति में कार्यवाही तय है। किसी भी सूरत में लापरवाही बर्दाश्त नहीं जाएगी- राकेश कुमार, डीआईओएस