फतेहपुर।सरकारी अस्पताल में सेवारत एएनएम के गलत इलाज के चलते जच्चा व बच्चा की मौत हो गई। प्रसूता के पति ने पुलिस को शिकायती पत्र देते हुए कार्रवाई की मांग किया है। नई तहसील के निकट स्थित पाल नगर निवासी कमलेश कुमार की पत्नी सोनी देवी 28 वर्ष आठ माह की गर्भवती थी। घर के पास स्थित श्रद्धा मेडिकल स्टोर पर दवाई ख़रीने के दौरान कोराई प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर तैनात एएनएम गीता उत्तम के सम्पर्क में आने व प्रसव कराने की बात कही गयी। 22 जुलाई को प्रसूता सोनी देवी गीता उत्तम को दिखाने पहुंची जिस पर एएनएम गीता उत्तम ने प्रसूता की हालत नाजुक होने व तत्काल भर्ती करने को कहा। प्रसूता के पति कमलेश ने बताया कि एएनएम के कहने पर श्रद्धा मेडिकल स्टोर में इलाज के लिए भर्ती कराया गया। 23 जुलाई को एएनएम ने आकर बताया कि बच्चे की मृत्यु हो चुकी है। प्रसूता को बचाने के लिये सफाई करना होगा। उसके बाद भी प्रसूता की हालत गंभीर बताकर शहर के अंश हॉस्पिटल में भर्ती कर इलाज शुरू किया। पीड़ित पति ने बताया कि आधे घण्टे इलाज के बाद एएनएम गीता उत्तम ने प्रसूता की हालत गंभीर बताते हुए तत्काल कानपुर ले जाने को कहा। महिला की स्थिति खराब होने पर पति को शंका होने लगी लेकिन वह इलाज के लिये कानपुर स्थित रीजेंसी हॉस्पिटल ले गया जहाँ डॉक्टरों ने प्रसूता की मौत होने की जानकारी दी। प्रसूता की मौत की ख़बर होने पर बड़ी संख्या में मोहल्ले वाले व रिश्तेदार मेडिकल स्टोर पहुँचकर हंगामा करने लगे। उधर एएनएम व संचालक मेडिकल स्टोर को ताला लगाकर फरार हो गये। पीड़ित पति ने एएनएम व मेडिकल स्टोर संचालक पर कार्रवाई करने की मांग करते हुए पुलिस को तहरीर दी है।
घटनास्थल पर मौजूद पुलिस बल व लगी भीड़।
तीन वर्ष पहले भी एएनएम आई थी सुर्खियों में
सरकारी अस्पताल में तैनात एएनएम गीता उत्तम तीन वर्ष पहले भी गलत इलाज को लेकर सुर्खियों में आई थी। खुद की नौकरी बचाने के लिए अधिकारियों से सेटिंग गेटिंग करके किसी तरह मामला रफा दफा कराया। जानकारों की माने तो एएनएम गीता उत्तम द्वारा मेडिकल स्टोर पर लंबे समय से प्रसव कराने का गोरखधंधा किया जा रहा है। जिसकी खबर स्वास्थ्य विभाग के अफसरों को भी होगी लेकिन एएनएम के रसूख व सिस्टम के चलते कभी कार्रवाई नहीं हुई।