कानपुर। अभिभावक अपने बच्चों को भेजते हैं कोचिंग पढ़ने के लिये परंतु काकादेव कोचिंग मंडी इन दिनों गांजा बिक्री का हब बना हुआ है। जहां पर छात्र नशे के शिकार होते जा रहे हैं ऐसा ही एक मामला काकादेव पुलिस ने कोचिंग मंडी के स्टूडेंटों को गांजा बेचने वाले गिरोह के एक शातिर को अरेस्ट किया है। जबकि पुलिस की छापेमारी के दौरान 2 लोग छत से भाग निकले। पुलिस ने मौके से 11 किलो गांजा और 22 हजार रुपए बरामद किया है।
जांच में सामने आया है कि काकादेव में गांजा बिक्री का हब था। ऑन डिमांड भी छात्रों को गांजा सप्लाई की जाती थी।
पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार के आदेश पर ऑपरेशन सुदर्शन चलाया जा रहा है। कुछ दिन पहले ही शहर में डीसीपी सेंट्रल के पद पर ज्वाइन करने वाले राजेश कुमार सिंह को जानकारी मिली कि काकादेव में रेलवे लाइन किनारे गांजे की बिक्री की जा रही है। सूचना को तस्दीक करने के लिए दो पुलिसकर्मी सादी वर्दी में गांजा लेने के लिए भेजे गए। जब सूचना तस्दीक हो गई तो पुलिस ने संडे देर रात छापेमारी की। इस दौरान गांजा बिक्री करने वाले विशाल सैनी ने छत से भागने का प्रयास किया, लेकिन जीने से गिर जाने की वजह से पुलिस ने उसे दबोच लिया। जबकि विशाल का भाई आलोक सैनी उर्फ कपली और पछपेड़वा ग्राम कल्याणपुर बरगदवा वसुंधरी बलरामपुर निवासी जावेद मौके से भाग निकला। एसीपी स्वरूप नगर शिखर ने बताया कि काकादेव गीता नगर क्रॉसिंग के पास ओ-ब्लॉक रेलवे पटरी के बगल में रहने वाली शिव देवी सैनी के घर से गांजा बिक्री की सूचना मिली थी। जांच में सामने आया कि विशाल के घर से काकादेव की स्टूडेंट बेल्ट में बड़े पैमाने पर गांजा की बिक्री की जा रही थी। विशाल घर से गांजा की बिक्री करता था। जबकि जावेद और विशाल का भाई आलोक ऑन डिमांड डिलीवरी करते थे। इसका अलग से चार्ज लेते थे। पूरे काकादेव कोचिंग मंडी में नशे का कारोबार फैला रखा है। पुलिस ने एक दिन की बिक्री का 22 हजार रुपए बरामद किया है। पुलिस ने पकड़े गए विशाल सैनी को कोर्ट में पेश करने के बाद सोमवार को जेल भेज दिया। जबकि फरार चल रहे आलोक और जावेद की तलाश में पुलिस की दो टीमों को लगाया गया है।