मां ने सुपारी देकर व्यापारी बेटे का गला कटवाया, ढाई लाख में हुआ था सौदा तय, दुकान-मकान बेचने का कर रहा था विरोध

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उन्नाव।कानपुर के कपड़ा व्यापारी नदीम की हत्या उसकी मां आरिफा ने ही सुपारी देकर कराई थी। ढाई लाख में सौदा किया गया। चार जून को व्यापारी की गर्दन काटने के बाद बॉडी को उन्नाव के अजगैन थाना क्षेत्र में कुएं में फेंक दिया। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजकर मामले की जांच शुरू की। अजगैन थाने में व्यापारी के मामा ने हत्या का मुकदमा दर्ज कराया। करीब 45 दिन बाद पुलिस ने कई कड़ियों को जोड़ते हुए मामले का खुलासा कर दिया। पुलिस ने शक के आधार कुछ लोगों को पकड़ा। मां को भी हिरासत में लिया। पूछताछ शुरू की। पहले तो वो टालमटोल करती रही, लेकिन सख्ती करने पर टूट गई। उसने बेटे की हत्या कराने की बात कबूल कर ली। पुलिस ने मां समेत अन्य आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। शनिवार को पुलिस लाइन में एएसपी दक्षिणी प्रेम चंद्र ने प्रेस कांफ्रेंस कर मामले की जानकारी दी। पुलिस के अनुसार, मां आरिफा दुकान और मकान बेचना चाहती थी। इससे मिली रकम किसी और को देना चाहती थी, इसी बात का बेटा विरोध कर रहा था, जिस कारण ये मर्डर किया गया। कानपुर के अलहमद रेजीडेंसी इफ्तिखाराबाद निवासी नदीम की अनवरंज में कपड़े की दुकान थी। चार जून को वह दुकान गए, पर लौटे नहीं। इसके बाद परिजनों ने उनकी तलाश शुरू की। गुमशुदगी दर्ज कराई। 5 जून को उन्नाव के अजगैन इलाके में कुएं में एक शव मिला था। सूचना पर नदीम के परिवार वाले मौके पर पहुंचे। मां ने बेटे नदीम के रूप में बॉडी की पहचान की। हत्या कर शव फेंकने की आशंका जताई। नदीम के मामा ताहिर की तहरीर पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया। पुलिस के मुताबिक सीसीटीवी फुटेज और सर्विलांस की मदद से अजमेर निवासी सलीम नाम के बदमाश को गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में उसने नदीम का कत्ल किए जाने की बात स्वीकार की। पुलिस के कड़ाई से पूछताछ करने पर सलीम ने बताया कि अजमेर के रहने वाले हसम अली खान ने उसको सुपारी दी थी। जब और तफ्तीश हुई तो पता चला कि हसम अली खान, नदीम की मां आरिफा का करीबी है। पुलिस ने मां और हसम के रिश्तों को जोड़ते हुए गहराई से जांच की। तब जांच में सामने आया कि मुख्य साजिशकर्ता आरिफा है। आरिफा ने ही हसम अली से बेटे की हत्या कराने को कहा था। 45 दिनों से इधर उधर घटना के खुलासे में भटक रही अजगैन पुलिस ने आरोपी को पकड़ने के बाद घटना को अंजाम देने की कहानी सुनी तो दंग रह गई। हत्यारोपी ने बताया कि सलीम अजमेर से तीन जून को कानपुर पहुंचा था। आरिफा ने नदीम से कहा एक परिचित आए हैं। परेड पर हैं। उनको शहर में घुमा दो। नदीम सलीम से मिला। उनको लेकर बिल्हौर मकनपुर गया। इस दौरान नदीम की हत्या करने की तैयारी थी, लेकिन नहीं कर सका था। फिर उसने दूसरे दिन देवा शरीफ जाने की बात कही। 4 जून की सुबह नदीम बाइक से सलीम को लेकर देवा शरीफ गए। देर रात जब वापस लौट रहे थे। अजगैन इलाके में लखनऊ-कानपुर हाईवे किनारे दोनों रुके। चरस पी। इसके बाद सलीम बोला कि पेशाब करके आ रहा हूं। नदीम बैठा था। फिर अचानक से पीछे से सलीम ने धारदार हथियार से उसका गला काट दिया। सिर पर एक दो वार किए और उसको कुएं में फेंक दिया। वहां से कानपुर सेंट्रल आकर ट्रेन पकड़ी और अजमेर चला गया था। ढाई लाख में हत्यारोपी को बुक किया था। कुछ पैसा बकाया होने पर लेने आया था, तभी पुलिस ने धर दबोचा। घटना के बाद पुलिस ने कई बिंदुओं पर जांच पड़ताल की। पुलिस जब मां से घटना को लेकर जानकारी करना चाहती थी तो वह बेहोश होकर गिर जाती थी और टाल मटोल कर जाती थी, तब से ही पुलिस को शक मां पर शक था।


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