कानपुर। आमजन की सुनवाई व त्वारित निस्तारण के लिए लागू पीएम हेल्पलाइन, सीएम पोर्टल में जिम्मेदार अधिकारी ही गुमराह कर फर्जी रिपोर्ट लगा रहे हैं। दर्ज शिकायतों में बिना मौके पर जाए ही स्थलीय रिपोर्ट लगाई जा रही है। इससे आम नागरिकों को न्याय नहीं मिल पा रहा है और समस्या जस की तस बनी हुई है। चार माह बाद सीएम कार्यालय से लिए गए फीडबैक में अफसरों की पोल खुल गई। शिकायत करने वाले अधिकांश लोग असंतुष्ट हैं। लापरवाही मानते हुए जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने 210 अफसरों को नोटिस जारी किया है। 3 दिन में जवाब देने को कहा है। मार्च में आचार संहिता लगने के बाद से आईजीआरएस की समीक्षा शासन स्तर से बंद हो गई थी। लेकिन जून माह से फिर से शुरू हो गई है। मुख्यमंत्री स्तर से आईजीआरएस और सीएम हेल्पलाइन में आयी शिकायतें जो अधिकारियों ने निस्तारित कर दी थीं, उनका फीडबैक लिया गया गया तो ज्यादातर शिकायतकर्ता अंसतुष्ट मिले। जिसमें 71 विभागों के अधिकारियों ने एक भी समस्या का निस्तारण सही नहीं किया।
सीएम कार्यालय से जनता से जुड़े पांच विभागों की सबसे ज्यादा शिकायतों का फीडबैक लिया गया। नगर निगम की दो हजार शिकायतों में 1147 का फीडबैक असंतुष्ट करने वाला रहा। अधिशासी अभियंता विद्युत की 619 शिकायतों में 357 का फीडबैक खराब मिला।
इसी प्रकार प्रभारी चिकित्साधिकारी, घाटमपुर, बिल्हौर, सहायक आयुक्त एवं सहायक निबंधक सहकारिता, बीडीओ ककवन, सरसौल, पतारा, खंड शिक्षा अधिकारी, सब रजिस्ट्रार नरवल, अधिशासी अभियंता विद्युत समेत अन्य विभागों ने एक भी समस्या के निस्तारण में गंभीरता नहीं दिखाई। इनकी सभी शिकायतों का फीडबैक खराब मिला।