उन्नाव।हाल ही में भारत के सर्वोच्च सदन में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी द्वारा दिए गए बयान ने हिंदू समुदाय के बीच गहरी चिंताएं और असंतोष उत्पन्न किया है। उन्होंने अपने बयान में कहा कि जो लोग अपने को हिंदू कहते हैं वे 24 घंटे हिंसा करते रहते हैं। उनके इस बयान को हिंदू समुदाय ने द्वेषपूर्ण और अपमानजनक माना है।यह बात एक बयान जारी करते हुए काशी हिन्दू विश्वविद्यालय वाराणसी के छात्र ऋषि वैभव मिश्र नें कहा है कि हिंदू धर्म की विशेषताएँ शांति, अहिंसा और सहिष्णुता पर आधारित हैं। महात्मा गांधी, जिन्होंने अहिंसा के सिद्धांत पर भारत को स्वतंत्रता दिलाई एक सच्चे हिंदू थे। श्री मदभगवद गीता, उपनिषद और वेदांत जैसे धार्मिक ग्रंथों में हिंसा को निषेध किया गया है और अहिंसा को सर्वोच्च मूल्य माना गया है।
नेता प्रति पक्ष का यह बयान न केवल हिंदू धर्म के अनुयायियों और उनकी भावनाओं को आहत करता है, बल्कि यह एक गलत धारणा को भी प्रचारित करता है। इस तरह के बयान से समाज में असहिष्णुता बढ़ सकती है, जो किसी भी लोकतान्त्रिक देश के लिए हानिकारक है।
हिंदू समुदाय की ओर से यह स्पष्ट किया जाना चाहिए कि हम हिंसा का समर्थन नहीं करते और ना ही हमारे धर्म में इसका कोई स्थान है। हम समाज में शांति और सौहार्द्र को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
समाज के विभिन्न वर्गों और धर्मों के बीच सहिष्णुता और सम्मान को बनाए रखना अत्यंत आवश्यक है। किसी भी धर्म या समुदाय के प्रति इस तरह के नकारात्मक बयानों को बढ़ावा नहीं दिया जाना चाहिए । क्योंकि इससे समाज में नफरत और विभाजन की भावना उत्पन्न होती है।
हिन्दू समाज में अधिकांश लोगों की अपेक्षा है कि नेता प्रतिपक्ष अपने बयान के लिए माफी मांगेंगे और भविष्य में इस प्रकार के बयान देने से बचेंगे।