संवाददाता,घाटमपुर।साढ़ थाना क्षेत्र बेहटा बुजुर्ग गांव के किनारे बीते 30 सितंबर 2020 को पेड़ पर फांसी के फंदे पर पुलिस को एक कंकाल लटकता हुआ मिला था। सूचना पर मौके पहुंची पुलिस ने कंकाल को पेड़ से उतारकर पीएम के लिए भेजा था। पोस्टमार्टम हाउस से कंकाल को पुलिस के सुपुर्द कर दिया गया था। जिसके साथ कंकाल का ही डीएनए सैंपल जांच के लिए लैब भेजा गया था। लेकिन किसी ने अभी तक कंकाल की शिनाख्त नहीं की है। कंकाल पर किसी का दावा न होने से डीएनए मिलान नही हो सका है, जिसके चलते लैब से अभी तक डीएनए रिपोर्ट नही मिल पाई है। इसी वजह से पुलिस ने अभी तक मानव कंकाल को सुरक्षित ताबूत के अंदर चौकी पर रखा हुआ है। यहां ताबूत चौकी के एक किनारे पर निर्मित जीने के ऊपर रखा हुआ है। वही बगल के कमरे में पुलिसकर्मी सोते है। पहले जब कंकाल चौकी में रखा गया था। तो पुलिसकर्मी चौकी के बाहर सोते थे। लेकिन समय बीतने के साथ पुलिस कर्मियों के तबादले बाद नए पुलिसकर्मी आए और जीने के बगल में स्थित कमरे में रहने लगे। साढ़ थाना प्रभारी सुधीर कुमार ने बताया कि कंकाल की अभी तक शिनाख्त नहीं हो सकी है। जिसके चलते अभी तक मानव कंकाल को लिखापढ़ी के साथ भीतरगांव चौकी में ताबूत के अंदर रखा गया है। अगर कोई कंकाल की शिनाख्त कपड़े और अन्य समान देखकर करता है, तो डीएनए रिपोर्ट का मिलान करवाकर मानव कंकाल का अंतिम संस्कार कराया जायेगा।
पुलिस के अनुसार पंचायत नामा होने के बाद शव को पोस्टमार्टम हाउस ले जाया गया जहां पर कंकाल से सैंपल निकाल डीएनए जांच के लिए विधि विज्ञान विभाग प्रयोगशाला झांसी भेजा गया था जहां पोस्टमार्टम हाउस के कर्मचारियों ने कंकाल को वहां रखने से मना कर दिया था तब से लकड़ी का ताबूत बनाकर कंकाल को वापस भीतरगांव चौकी के कमरे में रखना पड़ा था तभी से आज तक पुलिस कस्टडी में मानव कंकाल रखा है।
बरसात के समय में भीतरगांव चौकी के भवन से पानी टपकता है। यहां पर पुलिस कर्मियों का रहना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में ताबूत के अंदर रखा कंकाल कैसे सुरक्षित रखा जा सकता है। बारिश के मौसम में यहां हालात बत्तर हो जाते है। चौकी की जगह कोर्ट में विचाराधीन होने के चलते यहां पर निर्माण कार्य भी नही हो सकता है। जिसके चलते पुलिस कर्मियों को बारिश के समय में भारी समस्या का सामना करना पड़ता हैं।