नौतपा से तप रहा उन्नाव : जेठ चले पुरवाई, सावन धूल उड़ाई, अच्छी बारिश के लिए अधिक गर्मी जरूरी

0
61
Oplus_131072

उन्नाव।नौतपा में आसमान से बरस रही आग ने जीना मुहाल कर दिया है। दिन व रात के तापमान में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। वहीं जनपद में अभी गर्मी और बढ़ने की संभावना है।जनपद उन्नाव के कई हिस्सों में पड़ रही भीषण गर्मी के बीच नाैतपा चल रहा है।मौसम विज्ञान में भी इसे नवतपा कहा जाता है। गर्मी के बहुत सारे तात्कालिक नुकसान हैं तो कुछ दीर्घकालिक फायदे भी हैं। नाैतपा में सूरज जितना तपेगा और जितनी अधिक लू चलेगी बारिश उतनी ही अच्छी होगी।अधिक गर्मी की वजह से कीड़े-मकौड़े, जहरीले जीव-जंतुओं के अंडे नष्ट होंगे, चूहों की संख्या नियंत्रित रहेगी और बुखार के वायरस नष्ट होंगे। नौतपा को लेकर मारवाड़ी में एक कहावत प्रसिद्ध है, ‘दोए मूसा, दोए कतरा, दोए टिड्डी, दोए ताव। दोयां रा बादी जल हरे, दोए विसर, दोए बाव…।’

इसका अर्थ है कि नवतपा के दौरान पहले दो दिन लू न चले तो चूहे अधिक होंगे, दूसरे दो फसलों को नष्ट करने वाले कीट बहुत होंगे, तीसरे टिड्डी दल आने की आशंका रहती है।तीसरे दो दिन बुखार का प्रकोप रहेगा, पांचवें दिन लू नहीं चलती है तो सीजन में बारिश कम होगी, छठे दिन लू नहीं चलती है तो जहरीले जीव-जंतु अधिक होंगे और आखिरी दो दिन लू नहीं चलती है तो आने वाले दिनों में आंधी अधिक आएंगी।इस कहावत का समर्थन मौसम वैज्ञानिक भी करते हैं। किसान मंशाराम कहते हैं कि गर्मी अधिक पड़ने से लोगों को कई सारी परेशानी होती है। सब्जी, चारे, मूंग और उड़द की फसल को नुकसान पहुंचता है। लेकिन इसके कई फायदे भी हैं।
मसलन अगर ज्यादा गर्मी नहीं पड़ेगी और लू नहीं चलेगी तो कीड़े मकौड़े अधिक रहेंगे, सांप-बिच्छू की पैदावार अधिक होगी। फसल को नुकसान पहुंचाने वाले कीड़े बढ़ेंगे, टिड्डियों के अंडे नष्ट नहीं होंगे। ऐसे में जीवन के लिए जितनी बारिश और सर्दी जरूरी है उतनी ही गर्मी भी जरूरी है। ‘जेठ चले पुरवाई, सावन धूल उड़ाई’ की कहावत भी इसी लिए कही गई है।सेहत का रखें ध्यान, तली भुनी चीजों से करें परहेज।नौतपा में अगर शरीर में पानी की कमी हुई तो अस्पताल भी जाना पड़ सकता है। इन दिनों टिक्की और चाऊमीन से दूरी बनाएं।डाक्टर मनोज ने बताया कि इन दिनों तला हुआ चिकनाईयुक्त भोजन से दूरी बनाएं। अत्यधिक मसालेदार भोजन न करें। इसके साथ ही भरपेट भोजन से भी बचें।दो जून तक नौतपा का चक्र चलेगा। इन नौ दिनों में सूरज धरती के बहुत करीब रहता है। ऐसे में उत्तर भारत में बहुत अधिक गर्मी बढ़ जाती है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारीडॉक्टर नारेन्द्र ने कहा कि सुपाच्य भोजन से शरीर को तंदरुस्त रखा जा सकता है। सुबह के समय जल्दी उठकर व्यायाम अवश्य करें।


LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here