काव्य संध्या में बिखरे कविता के विविध रंग

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हरिशंकर शर्मा कानपुर। मां सरस्वती देवी साहित्य संस्था द्वारा ई – सेक्टर बर्रा -8 में आयोजित काव्य संध्या एवम सम्मान समारोह का आयोजन वरिष्ठ कवि अशोक शास्त्री की अध्यक्षता एवम कवि राजेश सिंह के संचालन में सम्पन्न हुई। काव्य संध्या का शुभारंभ कवि राजेन्द्र अवस्थी की वाणी वंदना से हुआ।
कवि संजीव मिश्र ने अपनी रचना चल चल री सजनी मेला दिखाऊं गंगा घाट का प्रस्तुत कर मेले का सुंदर चित्रण किया। कवि राजेन्द्र अवस्थी ने अपनी रचना छीन के दौलत बटवा देगी यह गठबंधन सरकार, मनाओ लोक तंत्र त्योहार पढ़ कर खूब तालियां बटोरी। वरिष्ठ कवि अशोक शास्त्री ने ग्राम्य जीवन के चित्र को उकेरते हुए अपनी रचना महानगर के कोलाहल में रहने का अभ्यास नहीं है, मेरे गांव न तुम यह कहना मेरा हृदय उदास नहीं है प्रस्तुत कर वाहवाही लूटी। राजेश सिंह ने अपनी रचना रात अंधेरी दीप जलाए रखना है,अंधकार के पृष्ठों पर आलोक नया भरना है प्रस्तुत कर वातावरण को गम्भीर बना दिया।काव्य संध्या की इस श्रृंखला को कवि शिवमूर्ति सिंह “सूरज” राज कुमार सचान,राघव दुबे, अर्पिता सिंह, अविरल दीपक आदि ने आगे बढ़ाया। आगंतुकों का स्वागत महेंद्र प्रताप सिंह ने एवम आभार नीलम सिंह ने व्यक्त किया।


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